सुल्तानपुर अपहरण केस: जिस मालिक का खाया नमक, उसे ही दे गया ज़िंदगी भर का ज़ख्म
दिल दहला देने वाली ये वारदात जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के कटका बाजार की है। बाजार में गहरा सन्नाटा है। वहीं बिजनेसमैन राकेश अग्रहरि पर मातम पसरा हुआ है।
सुल्तानपुर: राकेश अग्रहरि सुल्तानपुर अंतर्गत गोसाईगंज थाना क्षेत्र के कटका बाजार में स्थित आरके फ्लावर के मालिक हैं। बिजनेस काफी बड़ा था, काम-काज के लिए उन्होंने सालों से रघुनाथ यादव को रखा लिया। अरसे से घर में काम करते हुए रिश्ते भी घरेलू हो गए थे, प्रियांश और दिव्यांश प्यार से उसे अंकल कहते थे। लेकिन रुपए के लालच ने उसे ऐसा अंधा किया कि, सालों जिस मालिक का उसने नमक खाया। आज उसे ही बड़ा ज़ख्म दे गया। चंद रुपए के लिए उसने उन बच्चों के अपहरण की साजिश रच डाली।
गुरुवार को पहले बच्चों की किडनैपिंग का ताना-बाना बुना, देर शाम तक राज को पेट में दफ्न कर परिवार वालों के साथ ढूंढता फिरता रहा और अंत में जब पुलिस के रडार पर पर आने ही वाला था तभी साजिश में शामिल दोस्तो से एक मासूम का कत्ल करवा डाला।
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पैसों के लिए बदमाश था परेशान
दिल दहला देने वाली ये वारदात जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के कटका बाजार की है। बाजार में गहरा सन्नाटा है। वहीं बिजनेसमैन राकेश अग्रहरि पर मातम पसरा हुआ है।
पुलिस कस्टडी में आए नौकर रघुनाथ यादव ने जो कहानी बयां की उससे नौकरों पर से हर मालिक का भरोसा उठ जाएगा। पुलिस के मुताबिक शहर के करौंदिया मोहल्ले में शिव पूजन राय नाम का बदमाश पैसों के लिए परेशान था, उसका संपर्क व्यापारी राकेश कुमार अग्रहरि के रघुवर से हो गया था।
रघुवर ने उसे बताया कि उसका मालिक काफी पैसे वाला है और अपहरण करके लाखों ऐंठ जा सकता है। फिर क्या था नौकर समेत चार बदमाश एक हो गए। गुरुवार को इन्होंने पुरानी बाइक से बच्चों का अपहरण किया, अपहरण के वक्त बच्चों को बताया गया था कि उनके पिता हम लोगों को भेजे हैं, स्कूल से लाने के लिए और यह कहकर अपहरणकर्ताओं ने दोनों बच्चों को बल प्रयोग करके गाड़ी पर बैठा लिया।
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केस के हीरो रहे स्वाट टीम प्रभारी रतन शर्मा
मामला बड़ा था और वारदात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके साथ ही अपहरणकर्ताओं को एफआईआर दर्ज होने की सूचना भी गोसाईगंजक्षेत्र से ही मिल गयी, बस खुद को बचाने के फेर में अपहरणकर्ता बच्चों को करौंदिया मोहल्ले में लेकर आए, यहां एक बच्चे की फावड़े से गला काट कर हत्या कर दी, लेकिन मोहल्ले में चहलकदमी होने की वजह से बदमाश लाश को ठिकाने नहीं लगा पाए।
बच्चे के शव को सीमेंट की बोरी मे रखा और दूसरे का मुंह बांध दिया कि वो शोर न करे, जिसके चलते उसे भी फावड़े की बट से मारकर बेहोश कर दिया। लेकिन इससे पहले कि शातिर बदमाश लाश को ठिकाने लगा पाते, केस के हीरो रहे स्वाट टीम प्रभारी रतन शर्मा और उनकी टीम ने अपहरणकर्ता को दौड़ा लिया।
हनुमानगंज पहुंचते ही बदमाश ने पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया, लेकिन पुलिस की बंदूक से निकली गोली से भाग रहा बदमाश घायल हो गया। उधर मुख्यमंत्री घायल बच्चे का हाल जानने के लिए स्वयं ट्रामा सेंटर भी पहुंचे। उन्होंने परिजनों को सांत्वना देते हुए मृतक के नाम 5 लाख व घायल के नाम 2 लाख की सहायता राशि देने का वादा किया।
बेहतर पुलिसिंग में खा गए गच्चा
पकड़े गए बदमाशो में रघुनाथ के अलावा सूरज, हरिओम और शिव पूजन राय सभी लोकल के ही निवासी हैं। पुलिस अभी इन के आपराधिक चरित्र को ट्रैस कर रही है। पता चला है कि पकड़े गए सभी बदमाश जरायम की दुनिया के नए खिलाड़ी हैं। इनमें से अभी तक किसी भी अपराधी की क्राइम हिस्ट्री नहीं मिली है। सभी नई उम्र के हैं, और आपराधिक दुनिया में अपराध का ककहरा सीख रहे थे। बड़ी वारदात ने यह मझे नहीं थे और बेहतर पुलिसिंग में गच्चा खा गए।
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