कोरोना का कहर: गाजियबाद में श्मशान घाट पर लाइन, टोकन प्रणाली शुरू
देश में कोरोना की दूसरी लहर ने रफ्तार पकड़ लिया है। आए दिन कोरोना से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। प्रदेश के कई ...
गाजियाबादः देश में कोरोना की दूसरी लहर ने रफ्तार पकड़ लिया है। आए दिन कोरोना से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। प्रदेश के कई जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। गाजियाबाद में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है।
बता दें कि यहां के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए अब टोकन प्रणाली शुरू कर दिया गया है। कोरोना संक्रमितों को देखते हुए यह प्रक्रिया शुरू किया गया है। क्योंकि यह दूसरी लहर अब रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
छोटी पर्ची लेकर बड़ी पर्ची दिया जाता हैः
गाजियाबाद में श्मशान घट पर अंतिम संस्कार में संबंधित लोगों को पर्ची के रूप में टोकन दे दिया जाता है और अंतिम संस्कार के बाद छोटी पर्ची लेकर बड़ी पर्ची दे दी जाती है। जिससे डेथ सर्टिफिकेट बन सके। कोरोना को देखते हुए अधिक लोगों का प्रवेश मोक्ष स्थली मना है। इसलिए ये टोकन सिस्टम काफी कारगर साबित हो रहा है। जैसे ही एक बार मोक्ष स्थली पर अंतिम संस्कार के लिए आए लोग बाहर जाते हैं। तभी उसके बाद अंतिम संस्कार के लिए कतार में आए लोगों को टोकन के साथ प्रवेश दिया जाता है। व्यवस्था बनाने में लोग भी पूरी मदद कर रहे हैं।
कोरोना बीमारी से हुई मौत शव के लिए अलग व्यवस्थाः
गौरतलब है कि देश में कोरोना से मरने वाले की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। जहां कोरोना से हुई मौत के बाद आए शवों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। इसके लिए विद्युत शवदाह गृह बना दिया गया। जिसमें बिजली की व्यवस्था 24 घंटे उपलब्ध रहती है। मोक्ष स्थली में अलग हिस्से में विद्युत शवदाह गृह बनाया गया। उससे संबंधित भी हर सावधानी रखी जाती है।
शव पीपीई किट में ही अंतिम संस्कार स्थल परः
बता दें कि अगर कभी शवों की संख्या बढ़ी तो यहां के लिए भी टोकन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। फिलहाल गाजियाबाद में कोरोना से मौत का आंकड़ा न के बराबर है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी इस तरह की मौत को लेकर अधिक सतर्कता बरतते हैं। शव को पीपीई किट में ही अंतिम संस्कार स्थल पर पहुंचाया जाता है। और विशेष सावधानियां रखी जाती हैं।
क्या कहा मोक्ष स्थल के पंडित नेः
आपको बताते चले कि कोरोना से चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है। गाजियाबाद में हिंडन मोक्ष स्थली के पुरोहित मनीष पंडित का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए अगर एक बार में 4 से 5 शव आ जाते हैं, तो सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर चिंता बढ़ जाती है। ऐसे में यहां पर छोटी पर्ची के रूप में टोकन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अंतिम संस्कार के लिए शव के साथ चुनिंदा लोगों को ही मोक्ष स्थली में प्रवेश करने दिया जाता है। जिससे भीड़ न लगे और सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।