टमाटर ने बिगाड़ा किचेन क्वींस के खाने का स्वाद, रुला रहे सबको बढ़े दाम

Update: 2016-06-16 08:00 GMT

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प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ: एक तरफ देश भर में दालों के दाम आसमान छू ही रहे थे। लेकिन पिछले दिनों से सब्जियों के दाम भी उड़ान भरने लगे हैं। सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतें आम आदमी की कमर तोड़ने में लगी हुई हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली जैसी जगहों पर किचेन की रंगत बिगाड़ने के बाद यह महंगाई लखनऊ में भी अपना असर दिखा रही है। बता दें कि लखनऊ में कुछ दिन पहले तक जो टमाटर 30 से 40 रूपए किलो तक बिक रहे थे, वही आज 80 रूपए किलो हो गए हैं आलू भी 20 से आगे बढ़कर 25 रूपए किलो हो गए हैं।

आगे की स्लाइड में देखिए क्या है सब्जी बेंचने वालों का कहना

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अब्दुल, सब्जी विक्रेता

राना प्रताप मार्ग पर नेशनल पी जी कॉलेज के पास सब्जी बेचने वाले अब्दुल का कहना है कि टमाटर के दाम बढ़ने से लोग टमाटर को बहुत कम खरीद रहे हैं। वो बताते हैं कि इससे पहले लोग एक साथ तीन पाव तक टमाटर खरीद कर ले जाते थे, पर दाम बढ़ने के बाद लोग नींबू- मिर्च की तरह एक-दो टमाटर खरीद कर ले जा रहे हैं।

एक तरफ जहां टमाटर की बढ़ी हुई कीमतें अखबारों और मीडिया में न्यूज़ का कारण बनी हुई है, वहीँ लखनऊ में कई किचेन क्वींस के खाने को बेरंग कर दिया है। टमाटर की महंगाई से त्रस्त इन महिलाओं को सब्जी बनाने से पहले दस बार सोंचना पड़ता है कि बिना टमाटर के किस तरह से सब्जी में स्वाद लाया जाए। इनका कहना है कि जब तक सब्जी में टमाटर न पड़े हों, उनमें वो टेस्ट नहीं आता है।

आगे की स्लाइड्स में देखिए किचेन में इस महंगाई का असर

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नीरज सिंह, बुद्धेश्वर विहार

बुद्धेश्वर में रहने वाली नीरज सिंह टमाटर के बढ़े हुए दामों से काफी परेशान हैं उनका कहना है कि उनके घर में बिना टमाटर की सब्जी बच्चों को पसंद नहीं है ऐसे में वे अपने बजट को कैसे संभालेंगी वह बताती हैं कि जिन चीजों के दाम बढ़ाने चाहिए, उसके नहीं बढ़ते, हमेशा आम आदमी की थाली से ही कुछ न कुछ कम किया जाता है।

नीरज सिंह, बुद्धेश्वर विहार

आगे की स्लाइड में देखिए क्या है आम महिला का कहना

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सुषमा बाजपेई, सीतापुर

सीतापुर की सुषमा बाजपेई बताती हैं कि आजकल टमाटर को सलाद से लेकर सब्जी में भी यूज किया जाता है वह कहती हैं कि दाम बढ़ने का असर तो आम आदमी के किचेन में ही दिखता है सुषमा का कहना है कि सब्जी खरीदने से पहले वह डिसाइड करती हैं कि टमाटर के लिए वह कौन सी सब्जी को कम खरीदें और उनका बजट न बिगड़े।

सुषमा बाजपेई, सीतापुर

आगे की स्लाइड में देखिए बिना टमाटर कैसे चला रहे काम लोग

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बीना यादव, राजाजीपुरम

राजाजीपुरम में रहने वाली बीना का कहना है कि कोई कितना ही क्यों न ख ले कि अच्छे दिन आने वाले हैं पर हालात तो अच्छे दिनों के बिलकुल नही दिखते हैं वह कहती हैं कि टमाटर के दाम बढ़ने से उन्हें काफी एहतियात बरतनी पड़ रही है भले ही सब्जियों में नींबू और अमचूर डालकर काम चला लें, लेकिन टमाटर जैसा स्वाद लाना मुश्किल है अब तो एक किलो की जरूरत वाले लोग एक पाव टमाटर से काम चला रहे हैं।

बीना यादव, राजाजीपुरम

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