Ujadte Gaon: कोराना के तांडव से, कई परिवारों पर आया संकट

कोरोना महामारी ने देश में तबाही मचा रखी है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है।

Reporter :  Rajnish Mishra
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-06-09 16:36 GMT

कोरोनावायरस से उजड़ते गांव पर न्यूजट्रैक की विशेष तस्वीर

Ujadte Gaon: कोरोना महामारी ने देश में तबाही मचा रखी है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इस महामारी के कहर की दिल दहलाने वाली कहानियां और खौफनाक तस्वीरें सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश के कई ऐसे गांव हैं जो कोरोना की मार झेल रहे हैं। Newstrack.com ने ऐसे गांवों का दुख दर्द सबके सामने लाने का फैसला किया है। 'उजड़ते गांव' सीरीज में आपको उन गांवों की कहानी बताएंगे जहां पर कोरोना महामारी ने परिवारों को उजाड़ दिया और बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है। इसी कड़ी में आपको गाजीपुर जिले के गौरतियरा गांव की कहानी बता रहे हैं न्यूजट्रैक संवाददाता रजनीश कुमार मिश्र

कोरोना के वजह से परिवारों पर आया संकट


कोरोना ने न जाने कितने गांवों में तांडव मचाया इसका अंदाजा शायद ही कोई लगा सके। इस महामारी के वजह से बहुत से परिवार बेसहारा हो गये। तो वहीं न जाने कितने परिवारों पर आर्थिक संकट आ गया। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से कई बच्चे अनाथ हो गये। क्योंकि किसी बच्चे की मां तो किसी बच्चे के पिता की कोरोना से मौत हो गई। गाजीपुर जनपद के बरेसर थाने क्षेत्र के गौरतियरा गांव के प्रधान दीपक उपाध्याय ने बताया कि इस बीमारी के वजह से 12 वर्षीय नाबालिग ओम बालसन के पीता की मृत्यु हो गई। इसकी वजह ओम के परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है। वहीं 12 वर्षीय ओम बालसन ने बताया की मेरे घर में कमाने वाले मेरे पिता ही थे। जब 'अपना भारत' 'न्यूजट्रैक' के प्रतिनिधि ने ओम बालसन से बात करना चाहा तो रोते हुए उसने बताया कि मेरे पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे और हमसे बड़ी बहनों की शादी करनी है। अब कैसे हो पायेगा? वहीं गौरतियरा के ग्राम प्रधान दीपक उपाध्याय ने बताया की अपने तरफ से जो मदद बनती है, मैं करता हूं।

पिता की मृत्यु से परिवार पर आया संकट


गाजीपुर जनपद के गौरतियरा निवासी बीस वर्षीय सतवंत कुमार ने बताया कि मेरे पिता की मौत हो जाने से मेरे परिवार पर संकट उत्पन्न हो गया है। मेरे पिता ही घर में इकलौते कमाने वाले थे। उनके चले जाने से परिवार काफी संकट में आ गया है। सतवंत कुमार ने बताया कि इस महामारी काल में कहीं काम भी नहीं मील पा रहा है। जिससे हमारे घर का खर्च चल सके। सतवंत ने बताया शासन के तरफ से कुछ मदद हो जाता तो परिवार चलाने में आसानी हो जाती। सतवंत ने कहा की अभी बहनों की शादी भी करनी है।

अपनों से मिली मदद

गाजीपुर जनपद के बरेसर थाना क्षेत्र के गौरतियरा गांव के पीड़ित परिवारों ने बताया कि इस महामारी काल में सरकार की तरफ से तो नहीं, लेकिन अपने लोगों से जरूर कुछ मदद मिली है। लेकिन इतना भी नहीं है कि परिवार का पालन पोषण हो सके। इन पीड़ित परिवारों ने कहा की कोरोना के समय हमारे जनप्रतिनिधि विधायक व सांसद देखने तक नहीं आये कि इस आफत में हमारे क्षेत्र के लोग कैसे हैं? इस दौरान वहां मौजूद ग्रामीणों ने कहा की विधायक व सासंद जो धनराशि दान कर रहे हैं। अगर वही धनराशि अपने क्षेत्र की जनता की मदद में लगाते तो जरूरतमंदों को जरूर मदद मिल जाती।

सरकारी मदद की आस में ग्रामीण

गाजीपुर जनपद के बरेसर थाने के गौरतियरा गांव के ग्रामीण इस महामारी में सरकारी मदद के लिए आस लगाए बैठे हैं कि कभी कोई सरकारी कर्मचारी आये और हम लोगों की सुध ले। लेकिन अब तक न ही शासन की तरफ से कोरोना मृतकों के परिवारों से कोई मिलने आया और न ही मृतक परीवारों के लिए कोई घोषणा हुई।

ग्राम प्रधान दीपक उपाध्याय करा रहे हैं गांव में सैनिटाइज


गौरतियरा के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान दीपक उपाध्याय अपने गांव में महीने में दो बार सैनिटाइज कराते हैं। उन्होंने बताया की मैं खुद अपने पैसे से गांव के हर गली में छिड़काव कराता हूं। ताकि इस महामारी से हमारे गांव के लोग सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि हमारे गांव में जितने लोगों की मौत हुई है। सबकी आर्थिक स्थिति खराब है।अगर मीडिया के माध्यम से सरकार कोई मदद कर देती है तो इन परीवारों का भला हो जाएगा। दीपक उपाध्याय ने कहा कि हमारे तरफ से जो बन सकेगा वो मैं करूंगा।

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