Unnao News: स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर, जानें क्या है पूरा मामला

Unnao News: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म के अस्तित्व को नकारते हुए ब्राह्मण जाति के प्रति अपमानजनक और घृणास्पद बयान दिया है।

Report :  Shaban Malik
Update:2023-11-23 18:39 IST

स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ उन्नाव कोर्ट में वाद दायर (न्यूजट्रैक)

Unnao News: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक बयान अपलोड किया जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म के अस्तित्व को नकारते हुए ब्राह्मण जाति के प्रति अपमानजनक और घृणास्पद बयान दिया है। जिसका ब्राह्मण समाज ने विरोध किया है। उन्नाव शहर क्षेत्र के रहने वाले एक अधिवक्ता ने आईआरएस कर शिकायत की। कार्यवाही न होने पर आज उन्नाव के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां 156 (3) के तहत वाद दायर कर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

शहर कोतवाली क्षेत्र के सिविल लाइंस मोहल्ला में रहने वाले अधिवक्ता आदित्य कुमार त्रिपाठी पुत्र एसबी त्रिपाठी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां धारा 156 (3) के तहत वाद दायर करते हुए बताया कि समाजवादी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा हिन्दू धर्म के आस्तित्व को नकारते हुए तथा ब्राह्मण जाति के प्रति अपमानजनक बयान दिया है। जिसकी सत्यता परखने के लिये प्रार्थी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के अथराइज्ड ट्वीटर हैण्डल को चेक किया। जिस पर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा लिखित रूप से तथा वीडियो के माध्यम से घृणास्पद बयान पढने व देखने को मिला।

जिससे प्रार्थी का मन अत्यंत आहत है। अभियुक्त द्वारा दिये गए बयान से जन सामान्य के मन में जातीय विभेद उत्पन्न हो रहा है तथा सामाजिक समरसता को खतरे में डाला गया है। जिसकी वजह से लोगों के मन में जाति को लेकर एक-दूसरे के प्रति विभेद उत्पन्न हो सकता है। तथा जातीय हिंसा हो सकती है। आदित्य कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वह ब्राह्मण जाति के होने के साथ ही सनातन हिन्दू धर्म को मानते और विश्वास करते हैं। अभियुक्त का कृत्य घृणा उत्पन्न करने वाला है जिसे गम्भीरता से लिया जाना चाहिये। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कुछ समय पूर्व ही राज्यों को निर्देश दिया गया है कि बिना शिकायतकर्ता के स्वतः संज्ञान ले घृणास्पद बयान देने वाले व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की जाए।  

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