Unnao News: साक्षी महाराज का अखिलेश यादव पर पलटवार, एक बार इटावा आवास को खुदवा के दिखवा लें
Unnao News: साक्षी महाराज ने मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी द्वारा मुसलमानों को नया साल न मनाने के फतवे पर भी कड़ा बयान दिया। सांसद ने कहा कि हिंदुस्तान का संविधान सर्वोपरि है, और यह देश शरीयत कानून से नहीं, बल्कि संविधान से चलता है।
Unnao News: आज यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह उन्नाव पहुंचे, जहां उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान सांसद साक्षी महाराज भी उनके साथ थे। मीडिया से बातचीत करते हुए, साक्षी महाराज ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री आवास को लेकर दिए गए बयान पर तीखा हमला बोला। "अगर अखिलेश यादव को खुदाई में इतनी रुचि है, तो उन्हें पहले इटावा में अपना आवास खुदवाकर दिखाना चाहिए। इटावा में उनका आवास है, पहले वहीं जाकर खुदाई करवा लें। अब खुदाई के लिए गेंद उनके पाले में फेंक दी गई है।"
साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ मुख्यमंत्री आवास की खुदाई ही दिख रही है, जबकि यह राज्य की जनता के लिए कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। सांसद ने यह भी कहा कि अखिलेश को इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय, विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। "अखिलेश यादव को यह समझना चाहिए कि उनका ध्यान सिर्फ राजनीति पर नहीं, बल्कि जनता के विकास पर होना चाहिए। मुख्यमंत्री आवास की खुदाई से कहीं ज्यादा जरूरी है राज्य की जनता का कल्याण।"
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— Newstrack (@newstrackmedia) December 30, 2024
मुस्लिम जमात के फतवे पर साक्षी महाराज का बयान
साक्षी महाराज ने मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी द्वारा मुसलमानों को नया साल न मनाने के फतवे पर भी कड़ा बयान दिया। सांसद ने कहा कि हिंदुस्तान का संविधान सर्वोपरि है, और यह देश शरीयत कानून से नहीं, बल्कि संविधान से चलता है। "जो लोग शरीयत की बात कर रहे हैं, उन्हें अपनी अक्ल दुरुस्त करनी चाहिए। इस देश का कानून संविधान है, न कि किसी फतवे का पालन किया जाएगा। हम सब इस देश में संविधान के तहत रहते हैं, न कि किसी एक धार्मिक आदेश के तहत।"
साक्षी महाराज के ये बयान एक बार फिर यूपी की राजनीति में गर्मा-गर्म बहस का कारण बन गए हैं। जहां एक ओर उन्होंने अखिलेश यादव को निशाने पर लिया, वहीं मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के फतवे पर भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। इन बयानों से यह साफ हो गया कि साक्षी महाराज आगामी चुनावों में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।