Unnao News: चार बच्चों की मौत का मामला, पत्नी ने दर्ज कराया पति पर मुकदमा, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Unnao News: जनपद के बारासगवर थाना क्षेत्र के लालमनखेड़ा गांव में 19 नवंबर को चार बच्चों की मौत के मामले में आरोपित पिता को हिरासत में लेकर थाने ले आई।

Report :  Shaban Malik
Update:2023-12-01 17:23 IST

उन्नाव में चार बच्चों की मौत के मामले में पिता गिरफ्तार (न्यूजट्रैक)

Unnao News: जनपद के बारासगवर थाना क्षेत्र के लालमनखेड़ा गांव में 19 नवंबर को चार बच्चों की मौत के मामले में दो दिन पहले पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस लखनऊ केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग में भर्ती आरोपित पिता को हिरासत में लेकर थाने ले आई। वायरल वीडियो को लेकर उससे तफ्तीश की जा रही है। एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया कि आरोपित की हालत में सुधार होने पर उसे यहां लाया गया। अब गहनता से पूछताछ की जा रही है।

लालमनखेड़ा गांव में 19 नवम्बर को वीरेंद्र पासी के चार मासूम बच्चों मयंक, हिमांशी, हिमांक व मानसी के शव घर में पड़े मिले थे। पहले करंट से मौत बताई गई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर चारों के विसरा जांच को भेजे गए। उधर, एक वायरल वीडियो में पिता वीरेंद्र ने बच्चों के मारने की बात कबूल की तो पुलिस ने उसे मानसिक रोगी बता लखनऊ केजीएमयू में भर्ती करा दिया था। जब पत्नी शिवदेवी अन्य महिलाओं के साथ बारा सगवर थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए गई। तब पुलिस ने आरोपित वीरेंद्र पर हत्या व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया।

पीड़िता के घर पर पुलिस की तैनाती

बारा सगवर पुलिस ने पीड़िता के घर आकर घटना स्थल का मौका मुआयना किया और नजरी- नक्शा बनाया। घटनास्थल की फोटो व वीडियो बनाने के साथ ही गवाहों के नाम लिखकर उनसे बातचीत की। पड़ोसी महिला रुपा से भी कई बिंदुओं पर जानकारी हासिल की।

जब करंट लगा नहीं तो पोस्टमार्टम में कैसे आया

लोग मामले को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि अभी तक पुलिस बच्चों की मौत करंट से होना बता रही थी। विसरा जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, परिजन व ग्रामीणों का कहना है कि जब करंट लगा ही नहीं तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करंट लगने की बात कहा से आ गई।

घबराकर केजीएमयू से भागा तीमारदार बड़ा भाई

लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती वीरेंद्र की तीमारदारी में बड़ा भाई सुरेंद्र लगा हुआ था। सुरेंद्र को जब छोटे भाई वीरेंद्र की काली कारतूत का पता लगा। तब वह चुपके से अस्पताल से भाग निकला। किराया न होने से वह लखनऊ से पैदल ही गांव आ गया। पुलिस ने अभिलेखों में उससे भी हस्ताक्षर करवाए थे।

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