Unnao: तरबूज-खीरा की फसल देख किसानों के खिल उठे चेहरे, आमदनी बढ़ने की उम्मीद
Unnao: उत्तर प्रदेश के जिला उन्नाव गंगा की रेती में काम कर रहे किसानों के चेहरे खिलते दिखाई दे रहे है। इस की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं।
Unnao News: उत्तर प्रदेश के जिला उन्नाव गंगा की रेती में काम कर रहे किसानों के चेहरे खिलते दिखाई दे रहे है। इस की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं। उत्तर भारत में ये फसलें मुख्यतः मार्च-अप्रैल में बोई जाती हैं। जैसे की तरबूज, खीरा, खरबूजा ककड़ी, मूंग, उड़द, सूरजमुखी इत्यादि। इस बार जायद की फसल के लिये मौसम काफी अनुकूल है, कड़ाके की सर्दी होने के बाद अचानक मौसम बदल गया है। इस समय खीरा, ककड़ी की फसल तैयार होने वाली है। लहलहाती फसल को देख किसानों के चेहरे खिले हुये हैं। किसानों का कहना है कि इस बार समय से पहले तेज धूप होने से खीरा ककड़ी की बिक्री अधिक होगी, जिससे आमदनी बढ़ने की उम्मीद है।
गंगा कटरी के शंकरपुर, सन्नी सरायं, कन्हवापुर, लक्ष्मी खेड़ा, फत्तेखेड़ा, चंपापुरवा, गगनी खेड़ा, नेतुआ, गोताखोर, मनसुख खेड़ा, तेजीपुरवा, इंद्रा नगर, प्रेम नगर, मंशा खेड़ा, नाथू खेड़ा, पीपर खेड़ा, झब्बूपुरवा, चंदन घाट आदि तमाम गंगा के किनारे गांव में रहने वाले किसानों ने रेती की खेती कर रखी है। कड़ाके की सर्दी में किसानों की बीज बोने में कई बार भारी नुकसान हुआ लेकिन कुछ ही दिनों में मौसम सामान्य होने लगा। फसल इस समय लहलहा रही है। खीरा, ककड़ी, तरोई, लौकी, कद्दू के फूल भी निकल आये हैं। कुछ किसानों की खीरा, ककड़ी भी तैयार होने वाले हैं। रेती की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि धूप और गर्मी अधिक पड़ने लगी है। जिससे खीरा, ककड़ी का सेवन ऐसे में लोग अधिक करते हैं। उम्मीद है कि इस बार फसल अच्छी होने के साथ ही आमदनी भी बढ़ेगी।
फसल डूबने से हो चुका है नुकसान
गंगा की रेती में ककड़ी खीरा की खेती करने वाले किसानों को पिछले 15 दिन पहले नुकसान भी झेलना पड़ा है। दरअसल गंगा बैराज से पानी छोड़े जाने से किसानों की फसल डूब गई थी। जिसे कुछ किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। जिनकी फसले ऊपर हिस्से में थी वह बची हैं। फिलहाल इस बार खेती पहले तैयार होने से किसानों को फायदा भी होगा।