Traffic Jam: अब साइकिल रिक्शा से होगा सफर, ई-रिक्शा व आटो पर लगी रोक
Unnao News: शहर में जाम की बढ़ती समस्या को देखते हुए तत्कालीन डीएम अपूर्वा दुबे के निर्देश पर ई-रिक्शा के चलाने पर रोक लगा दी गई है।
Unnao News: एक समय था जब साइकिल रिक्शा ही चलते थे। तमाम लोग साइकिल रिक्शा चलाकर अपना घर चलाते थे पर ई-रिक्शा के आ जाने से साइकिल रिक्शा विलुप्त हो गए थे। शहर में सुबह से शाम तक सड़कों पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए एक बार फिर से साइकिल रिक्शा को बढ़ावा दिया गया, जो पांच वर्षों में न के बराबर हो गए थे। आटो व ई-रिक्शा का आई 'बाढ़' की वजह से छोटे स्तर का यह स्थानीय परिवहन साधन अपना अस्तित्व खोने की कगार पर था। प्रशासन के निर्देश पर शहर के अंदर ई-रिक्शा व आटो के प्रवेश पर लगी रोक के बाद साईकिल रिक्शे नजर आने लगे है।
चालकों के चेहरों का रंग भी बदला है। समय के साथ संसाधनों में बहुत कुछ बदला। आबादी बढ़ने के साथ लोगों की सहूलियत के अनुसार किराये के वाहनों में भी तब्दीली होती गई। करीब पांच साल से शहर में ई-रिक्शा व आटो चलने से साइकिल रिक्शा चालकों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराने लगा। जल्दी पहुंचने व सुहाने सफर के चक्कर में लोगों ने भी ई-रिक्शा, आटो को ज्यादा तवज्जो दी। धीरे-धीरे यात्रियों का मोहभंग होने से रिक्शा दिखना बंद हो गए। चालक अन्य कार्य कर किसी तरह गुजारा कर रहे थे। जो चालक कुछ सक्षम थे वह ई-रिक्शा खरीद लाए थे।
शहर में जाम की बढ़ती समस्या को देखते हुए तत्कालीन डीएम अपूर्वा दुबे के निर्देश पर ई-रिक्शा के चलाने पर रोक लगा दी गई है। हालत यह हो गई कि यात्रियों को गांधी नगर तिराहा से बड़ा चौराहा व एसपी तिराहा से बड़ा चौराहा और गांधी नगर तक पैदल ही जाना पड़ रहा था। महिलाओं को सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में फिर से हाथ रिक्शा चालकों ने अपना रिक्शा सड़क पर उतारे हैं। प्रति सवारी 10 से 15 रुपये लेकर वह शहर में जा रहे हैं। जिससे उनके चेहरे पर फिर से खुशी लौटी है। शहर की सीमा से ई-रिक्शा व आटो दूर रहेंगे। निगरानी पुलिस करेगी। यातायात प्रभारी सुनील सिंह ने बताया कि शहर में रोजाना जाम की समस्या को देखते हुए यह बदलाव किया गया है। रिक्शा को छूट दी गई है।