UP Election 2022: बीजेपी पर अजय लल्लू का वार, इस सरकार में गाय और किसान दोनों बेहाल

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में छुट्टा गोवंश को लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर है। आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा योगी सरकार सिर्फ गाय के नाम पर राजनीति करती है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update: 2022-01-20 13:40 GMT

अजय कुमार लल्लू

UP Election 2022: यूपी चुनाव में गाय भी एक बड़ा मुद्दा बन गई है, सपा, बसपा और कांग्रेस गायों की दुर्दशा और सड़क पर घूम रहे छुट्टा गोवंश को लेकर योगी सरकार पर हमलावर है। अखिलेश यादव ने जहां इसे अपने घोषणापत्र में शामिल करने की बात कही है वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज एक बार फिर योगी सरकार पर हमला बोला। लल्लू ने कहा कि जहां गाय की बुरी दशा है वहीं छुट्टा गोवंश किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे में सरकार कोई ठोस नीति बनाने के बजाय अपनी नीतियां किसानों और आम जनता पर थोपने का काम कर रही है, यह सरकार सिर्फ गाय के नाम पर राजनीति करती है।

अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कहा प्रदेश की अक्सर प्रदेश की गौशालाओं में गायों के मरने की खबरें आती हैं। झांसी की घुघुआ गौशाला में पिछले 10 दिन में लगभग 20 से अधिक गायें भूख और ठंड से मर चुकी हैं। रोज 2 से 3 गायें मर रही हैं। ज़िंदा गायों की हालत भी कुछ अच्छी नहीं है, इसी तरह से कानपुर, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट में बड़ी संख्या में ठंड से गौशालाओं में गायों के मरने की ख़बर है। कड़ाके की ठंड में प्रदेश की गौशालाओं में गायें खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। गौशालाओं में गायों के रहने के लिए टीन शेड जरूर लगे हैं, लेकिन गायों की संख्या के मुकाबले वे अपर्याप्त हैं।

अजय लल्लू ने कहा कि सरकार की खराब नीतियों के चलते गांव-गांव में किसान परेशान हैं, गौशाला के नाम पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। लेकिन योगी सरकार ने सिर्फ प्रचार, विज्ञापन, होर्डिंग, बैनर, टीवी मैनेजमेंट के अलावा कोई कदम नहीं उठाया है। उत्तर प्रदेश में बीते 5 साल में फसलों को उगाने में किसानों का जितना श्रम और खर्च लगा है, उससे कहीं ज्यादा खर्च और श्रम खेतों में फसलों की रखवाली करते हुए बीत रहा है। बीते पांच साल से पूरे प्रदेश के किसान कड़ाके की सर्दी, चिलचिलाती धूप और गरजते बादलों के बीच रात-रातभर जगकर फसल की रखवाली करने को मजबूर हो रहे हैं।

प्रदेश में 4-5 लाख छुट्टा पशु सड़कों पर हैं, जिनकी देखभाल कोई नहीं कर रहा है। इससे पहले भी प्रदेश के अनेक हिस्सों से समय-समय पर गोशालाओं में रखरखाव में कमी और पशुओं के बीमार होने और मरने की खबरें आती रही हैं। बांदा, उन्नाव, अमेठी, हमीरपुर, कन्नौज जैसे उनके जिलों में पशु शेड न होने, पशुओं के भीगने यहां तक कि पशुओं को जिंदा दफनाने तक की घटनाएं सामने आती रही हैं। लेकिन कोरे वादों और जांच के झांसे के अलावा सरकार ने न तो कहीं कोई ठोस कदम उठाया और न ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गई।

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