UP Election 2022: धर्मनगरी अयोध्या में कमल, साइकिल के बीच हाथी भी झूमता आ रहा नजर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अयोध्या के सभी विधानसभा सीटों पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
अयोध्या। धर्म की नगरी अयोध्या में इस बार विधानसभा चुनाव में कमल साइकिल के बीच जिले में हाथी भी झूमती नजर आ रही है जनपद की पांचों विधानसभाओं में भाजपा बसपा की सीधी टक्कर जहां दिखाई पड़ रही है वही हाथी भी अपनी रफ्तार बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। आगामी 27 फरवरी को अयोध्या जिले में मतदान की तारीख नियत है. उसके पहले राजनीतिक दलों ने घर-घर जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी पांचों विधानसभाओं में अपने प्रत्याशी खड़े जरूर किए हैं लेकिन उनकी जमानत बच पाएगी कि नहीं यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
जनपद की अयोध्या विधानसभा सीट (Ayodhya Assembly seat) पर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता (Ved Prakash Gupta) व समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रत्याशी पूर्व राज्य मंत्री तेज नारायण पांडे पवन के बीच सीधी टक्कर होने की प्रबल संभावनाएं बन रही है। वैसे तो आधा दर्जन से अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में है लेकिन चुनाव सीधा-सीधा समाजवादी पार्टी व भाजपा में दिखाई पड़ रहा है।
वहीं अयोध्या में व्यापारियों का एक वर्ग भाजपा खेमे से हटता दिखाई पड़ रहा है। जबकि पवन पांडे के सजातीय लोग भी एकजुट होते दिखाई पड़ रहे हैं। अब यही स्थिति चुनाव के अंतिम दिनों में बनी रहेगी कि नहीं यह कहना अभी मुश्किल है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्ता भी अपने 5 साल के कार्यों को लेकर जनता के बीच में दौड़ रहे हैं और भाजपा की उपलब्धियों के सहारे एक बार फिर जीतने कोशिश कर रहे हैं।
गोसाईगंज विधानसभा सीट
जनपद की गोसाईगंज विधानसभा सीट (Gosaiganj assembly seat) पर दिलचस्प मुकाबला भारतीय जनता पार्टी व सपा के बीच दिखाई पड़ रहा है। वहीं बसपा (BSP) प्रत्याशी राम सागर वर्मा भी बसपा मतदाताओं के साथ अपने सजातीय मतों को बटोर कर हाथी की चाल को बढ़ा सकते हैं। राजनैतिक दलों के समर्थकों और प्रत्याशियों की भागदौड़ जनता के बीच में देखी जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती आरती तिवारी जो पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी की पत्नी है जो इस समय है एक फर्जी प्रकरण के तहत 5 साल की सजा जेल में काट रहे हैं।
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक अभय सिंह चुनाव मैदान में बड़ी मजबूती से लड़ रहे हैं पिछला चुनाव भाजपा की लहर के बाद भी बहुत कम मतों से पराजित हुए थे। वहीं इस बार बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं जिनके जातीय समीकरण से भारतीय जनता पार्टी को नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है।
विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी श्रीमती आरती तिवारी द्वारा अपने सुहाग की रक्षा किए जाने की मांग की जा रही। जनता के बीच समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अभय सिंह की पत्नी सरिता सिंह भी गांव की डगर पर लोगों से मिलकर अपने पति को जिताने की कोशिश करने में जुटी हुई है।
मिल्कीपुर विधानसभा सुरक्षित
मिल्कीपुर विधानसभा सुरक्षित (Milkipur Assembly Seat) में भी सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद व भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी निवर्तमान विधायक बाबा गोरखनाथ चुनाव मैदान में डटे हुए हैं एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप के बीच मतदाताओं से संपर्क अभियान जारी है।
इस विधानसभा में क्षत्रिय और ब्राह्मण चुनाव को प्रभावित करने की निर्णायक भूमिका में दिखाई पड़ रहे हैं जिनके दरवाजे पर दोनों प्रत्याशी दस्तक देते हुए दौड़ रहे हैं। अब भाजपा प्रत्याशी अपने 5 साल के क्रियाकलापों वभाजपा के नारों के सहारे चुनाव में अपनी जीत हासिल करना चाहते हैं।
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद भी अपने दल के चुनावी घोषणा पत्र व अपने द्वारा विधानसभा में विकास कार्यों को कराए गए को लेकर जनता के बीच में पहुंच कर अपने पक्ष में मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं।
बीकापुर विधानसभा सीट
जनपद की (Bikapur assembly seat) पर भी भारतीय जनता पार्टी से विधायक रहीं श्रीमती शोभा चौहान के पुत्र डॉ अमित सिंह चौहान को भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं बड़ी खींचतान के बाद समाजवादी पार्टी ने फिरोज खान गब्बर को अपना प्रत्याशी बनाया है। दोनों के बीच में सीधी टक्कर दिखाई पड़ रही है। समाजवादी पार्टी के विद्रोही प्रत्याशी रहे राघवेंद्र प्रताप सिंह अनूप ने अपना पर्चा वापस ले लिया है। विधानसभा के चुनाव में उनकी सक्रियता फिलहाल निष्क्रिय पड़ी हुई है।
अनेक अफवाहों के बाजार क्षेत्र में गरम है। 5 साल तक विधायक प्रतिनिधि बनकर क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टर अमित सिंह इस बार पार्टी की भीतरी कलह से भी जूझते नजर आ रहे हैं। वहीं सबसे बड़ा नुकसान उनको बहुजन समाज पार्टी से देवकाली मंदिर के कर्ता-धर्ता सुनील पाठक के चुनाव लड़ने से भी हो रहा है। फिलहाल दोनों के बीच में सीधी टक्कर होने की प्रबल संभावनाएं दिखाई पड़ रही है। क्षेत्र में मतदाताओं से संपर्क करने का काम दोनों प्रत्याशी के अलावा बहुजन समाज प्रत्याशी सुनील पाठक भी करते दिखाई पड़ रहे हैं।
मतदाता इस सीधी टक्कर में किसके पक्ष में जाएगा यह कह पाना भी मुश्किल है लेकिन लड़ाई बड़ी संघर्ष पूर्ण रूप से दिखाई पड़ रही है। सपा प्रत्याशी फिरोज खान बहुजन समाज पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ चुके काफी कम अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा था।
रुदौली विधानसभा सीट
जिले की रुदौली विधानसभा (Rudauli Assembly Seat) में त्रिकोणात्मक संघर्ष होने की प्रबल संभावनाएं बनती जा रही है। इस विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायक रामचंद्र यादव को मैदान में उतारा है जो लगातार दो बार से यहां विधायक बन रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने बीकापुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक स्वर्गीय मित्र सेन यादव के पुत्र आनंद सेन यादव को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है।
जबकि इस सीट पर समाजवादी पार्टी से अब्बास अली उर्फ रुश्दी मियां चुनाव लड़ते थे जो एक बार विधायक भी रह चुके हैं। लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। जिससे नाराज होकर वह बहुजन समाज पार्टी से चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं जिनका रुदौली में अपना दबदबा है जिसके सहारे हाथी ने अपनी चाल बढ़ा दी है।
अब यहां का चुनाव पूरी तरीके से ऊंची जाति के मतदाताओं के सहारे हो गया है। ऊंची जाति के मतदाता जिस तरफ घूमेंगे उसकी जीत सुनिश्चित रहेगी तीनों प्रत्याशी उच्च जाति के मतदाताओं को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए भागदौड़ करते देखे जा रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी ने यहां पर दयानंद शुक्ला को अपना प्रत्याशी बनाया है लेकिन वह अपने सजातीय मतों पर कितना असर बना पाएंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल चुनावी की इस गहमागहमी में सभी दल अपनी जीत के लिए ताना-बाना बुनते देखे जा रहे हैं।
अब मतदाता किसके सिर पर जीत का सेहरा बांधेगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन अयोध्या जिले का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प दिखाई दे रहा है। फिलहाल यह देखा जा रहा है की इस बार भारतीय जनता पार्टी पांचों विधानसभाओं पर अपने जीत का परचम लहराने में सफल होगी कि नहीं यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
चौथे चरण के चुनाव के बाद राजनैतिक दलों के बड़े नेताओं के दौरे लगेंगे जो जनसभा और रोड शो कर मतदाताओं को अपने पक्ष में लामबंद करने का प्रयास करेंगे। इस श्रृंखला में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आगामी 18 फरवरी को अयोध्या आ रहे हैं।
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