योगी मंत्रिमंडल विस्तार: ये छह से सात नए चेहरे होंगे शामिल, पढ़ें पूरी खबर
दरअसल पिछले साल योगी कैबिनेट के दो मंत्रियों चेतन चौहान और कमल रानी वरुण का कोरोना की वजह से निधन हो गया था। जिसके बाद से यह दोनों मंत्रिपद खाली चल रहे हैं। साथ ही कुछ मंत्रियों को उनके कमजोर कार्यशैली को देखते हुए उन्हे हटाकर संगठन की जिम्मदारी दी जा सकती है।;
लखनऊ अपने कार्यकाल के चार साल पूरे करने जा रही प्रदेश की योगी सरकार पंचायत चुनाव के पहले एक और मंत्रिमंडल विस्तार करने की तैयारी में है। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है। हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही योगी सरकार का दूसरा विस्तार किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि विधानसभा के 16 फरवरी से प्रारम्भ हो रहे बजट सत्र के पहले ही योगी सरकार अपने कुछ मंत्रियों कोषपथ दिलाने का काम करेगी।
क्हा जा रहा है कि हाल ही में पार्टी अध्यक्ष जेपी नढढा जब लखनऊ के अपने दो दिवसीय दौरे पर आए थें तो इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओ पदाधिकारियों और मंत्रिमंडल के सदस्यों से संवाद कर प्रदेश का फीडबैक लिया। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की पूरी रिपोर्ट हाईकमान को सौंप दी है।
नए मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा
क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए नए मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा तय की जा चुकी है। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के पर कतरे भी जा सकते हैं जबकि संगठन से कुछ लोगों को योगी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की पूरी संभावना हैं। चर्चा यह भी है कि नए मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिल सकता है। आरोपों में घिरने वाले और खराब कामकाज वालों को बाहर किया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को महत्व दिए जाने की चर्चा भी है।
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मंत्रिमंडल में 54 सदस्य
इस समय मंत्रिमंडल में 54 सदस्य हैं जिनमें 23 कैबिनेट 9 स्वतंत्र प्रभार तथा 22 राज्य मंत्री हैं। इससे पहले 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थें। इस कार्यक्रम में शपथ लेने वाले कुल 23 लोगों में 18 नए चेहरे शामिल किए गए थें।
दो मंत्रियों का कोरोना की वजह से निधन
दरअसल पिछले साल योगी कैबिनेट के दो मंत्रियों चेतन चौहान और कमल रानी वरुण का कोरोना की वजह से निधन हो गया था। जिसके बाद से यह दोनों मंत्रिपद खाली चल रहे हैं। साथ ही कुछ मंत्रियों को उनके कमजोर कार्यशैली को देखते हुए उन्हे हटाकर संगठन की जिम्मदारी दी जा सकती है। चर्चा यह भी है कि नए मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिल सकता है। गुजरात कैडर के आईएएस रहे अरविंद शर्मा को एमएलसी चुनाव के बाद यूपी सरकार में अहम जिम्मेदारी देना तय माना जा रहा हैं। मंत्रिमंडल में अरविन्द शर्मा के अलावा लक्ष्मण आचार्य, सलिल विश्नोई को मौका दिया जा सकता है।
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इन तीनों नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से नजदीक होने के कारण देखा जा रहा है।मिशन 2022 को लेकर तैयारियों में जुटी भाजपा इस मंत्रिमंडल विस्तार से कई समीकरण साधने की तैयारी में है। इसके तहत जिन वर्गों अभी तक मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है उन्हें मौका मिल सकता है।
रिपोर्टर श्रीधर अग्निहोत्री