‘‘माननीय हैं कि मानते ही नहीं, पिछले साल भी धौरहरा में हुई थी सांसद विधायक में जूतम पैजार’’
यूपी में जब दो साल पहले भाजपा को तगड़ा जनादेश मिला और प्रदेश में योगी सरकार का गठन हुआ तो जनता को इस बात की उम्मीद थी कि भाजपा अन्य दलों से अलग है। शुचिता समरसता की बात करने वाली भाजपा की सरकार में भी पूर्व की सपा-बसपा सरकारों की तरह जनप्रतिनिधियों में मारपीट की घटनाएं आम होती जा रही हैं।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी में जब दो साल पहले भाजपा को तगड़ा जनादेश मिला और प्रदेश में योगी सरकार का गठन हुआ तो जनता को इस बात की उम्मीद थी कि भाजपा अन्य दलों से अलग है। शुचिता समरसता की बात करने वाली भाजपा की सरकार में भी पूर्व की सपा-बसपा सरकारों की तरह जनप्रतिनिधियों में मारपीट की घटनाएं आम होती जा रही हैं।
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बुधवार को संतकबीर नगर में सांसद शरद त्रिपाठी और मेहदावल विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राकेश सिंह के बीच शिलापट में नाम लिखाने को लेकर जूतमपैजार होने के बाद जो वीडियो वायरल हुआ उसको पूरे देश ने देखा। दिलचस्प बात यह रही कि घटना के समय योगी सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद थे। अभी दो दिन पहले ही उन्नाव में जिला समन्वय समिति की बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री और सांसद साक्षी महाराज के सामने पुरवा विधानसभा से विधायक अनिल सिंह का समाज कल्याण अधिकारी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद विधायक अधिकारी को खुलेआम धमकी देते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि मैं एक-एक को ठीक कर दूंगा।
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योगी सरकार के गठन के बाद यह दोनों घटनाएं कोई नई नहीं है। इसके पहले पिछले साल जनवरी में कम्बल वितरण को लेकर धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा और महौली से भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट और गालीगलौच हो चुकी है। इस दौरान विधायक शशांक के समर्थकों ने सांसद के बेटे अनमेश वर्मा की पिटाई भी कर दीं। सांसद रेखा वर्मा पर विधायक शंशाक त्रिवेदी पर चप्पल दिखाने का भी आरोप लगा। इस घटना का भी वीडियो पूरे देश में वायरल हुआ। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों जनप्रतिनिधियों को लखनऊ तलब कर अनुशासन का पाठ पढाया। साथ ही भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न होने देने की हामी भरवाई।
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इसके पहले नवम्बर 2018 में बांदा जिले में तैनात जिलाधिकारी से नाराज भाजपा के तिंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने खुले मंच से जिलाधिकारी को भ्रष्ट बताया और कहा, ‘वह बालू माफियाओं से 24 घंटे रिश्वत लेने में व्यस्त हैं। उनके पास जनता के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है। यह केवल एक मामला नहीं।
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इसी महीने नानपारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक माधुरी वर्मा के पति एवं पूर्व विधायक दिलीप वर्मा और उनके समर्थकों के खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया। दिलीप वर्मा और उनके समर्थकों पर आरोप लगा कि उन्होंने दलित तहसीलदार के चेम्बर में घुसकर मारपीट की और उन्हें धमकाया।
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घटना के विरोध में तहसील कर्मियों ने तहसील गेट पर ताला लगाकर कामकाज बंद कर दिया है। दो महीने पहले ही भाजपा के एक और विधायक सौरभ श्रीवास्तव पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गेटकीपर के साथ मारपीट का आरोप लग चुका है। इसे लेकर छात्रों ने कार्यवाही की मांग कर हंगामा भी किया। भाजपा विधायक पर आरोप लगा कि जब वह देर रात एक मांगलिक समारोह से लौट रहे विधायक ने समर्थकों संग बीएचयू के सीर गेट का ताला खोलने के लिए गेटकीपर पर दबाब बनाया। आरोप है कि इसके बावजूद गार्ड ने गेट नहीं खोला तो विधायक के साथियों ने गार्ड की पिटाई कर दी।
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एक अन्य घटना में इसी साल जनवरी महीने में बिजनौर जिले में धामपुर से भाजपा विधायक अशोक राणा और उनके गनर पर मारपीट करने का आरोप लगा। यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता ने लगाया। कार्यकर्ता का आरोप था कि जब धामपुर विधानसभा के कार्यकर्ताओं की बैठक चल रही थी और उसने अपना परिचय दिया तो वहां मौजूद भाजपा विधायक अशोक राणा भड़क गए और नाराज विधायक व उनके गनर ने भरी मीटिंग में भाजपा कार्यकर्ता के साथ जमकर मारपीट की।