योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब बीएड डिग्री धारक भी बन सकेंगे प्राइमरी शिक्षक

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूर हुआ है। अब प्रदेश के जूनियर बेसिक स्कूलों यानी पहली से पांचवी कक्षा तक बीएड डि‍ग्री धारक भी प्राथमिक सहायक अध्यापक बन सकेंगे।

Update:2019-06-11 16:37 IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में 6 प्रस्ताव पास हुए। वृद्धा अवस्था पेंशन को 400 से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है।

इसके साथ ही यूपी के होटल, रेस्टोरेन्ट, पब अब खुद की ताजी बीयर बना सकेंगे। इसके लिये रोजाना 600 लीटर बीयर बनाई जा सकती है। नियम का उल्लंघन करने पर अब ढाई लाख जुर्माना पड़ेगा।

यूपी कैबिनेट बैठक में 6 प्रस्ताव पास हुए

-प्रदेश में लघु माइक्रो ग्रेवी की स्थापना हेतु नियमवाली 1961 में छठवां संशोधन किया गया है। ताजी बियर के तहत यह संशोधन किया गया है जिसमे होटल में माइक्रो ग्रेवी लगाया गया है जिसमे बियर का उत्पादन होता है देश के 7 राज्यो में ऐसी व्यवस्था है ।

यह भी पढ़ें…सतर्कता आयुक्त शरद कुमार अंतरिम CVC नियुक्त, भसीन का कार्यकाल हुआ पूरा

-यूपी के होटल, रेस्टोरेन्ट, पब में पहले लाइसेंस फीस 25 हजार थी जिसे बढ़ाकर ढाई लाख की गई है । लाइसेंस नवीनी करण के लिये 2 लाख रुपये लगेंगे। प्रतिदिन 600 लीटर 2.1 लाख लीटर प्रतिवर्ष से अधिक उत्पादन नहीं होगा।

-वृद्धा अवस्था पेंशन 400 से बढ़कर 500 रुपये किया जाना है राज्य अंश में 100 रुपये की और वृद्धि की गई है 79 से ऊपर के बुजुर्ग को पहले से ही 500 रुपये पेंशन दी जा रही है। 41 लाख लाभार्थी अभी पेंशन पा रहे है । 1 जनवरी से यह बढ़ा हुआ पैसा लागू होगा।

-रायबरेली में एम्स के निर्माण चल रहा है 2020 में निर्माण को पूरा करना है वहां जर्जर घर पड़े है उसे घ्वस्त करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा है 76 आवास को ध्वस्त किया जाएगा

यह भी पढ़ें…9 दिन से लापता भारतीय वायुसेना के विमान AN-32 को लेकर आई ये बड़ी खबर

-पीजीआई के डॉक्टरों के एज लिमिट अब 2 साल बढ़ाया गया है अब 35 से 37 साल कर दिया है भर्ती के लिए

-उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूर हुआ है। अब प्रदेश के जूनियर बेसिक स्कूलों यानी पहली से पांचवी कक्षा तक बीएड डि‍ग्री धारक भी प्राथमिक सहायक अध्यापक बन सकेंगे। ऐसे व्यक्तियों को नियुक्ति के दो साल के भीतर प्राथमिक शि‍क्षा में छह महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करना होगा।

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा (पच्चीसवां संशोधन) नियमावली, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी। इस निर्णय से बीएड अहर्ताधारी अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त होने का अवसर मिलेगा।

यह भी पढ़ें…डुप्लेसिस ने डिविलियर्स ने क्यों कहा था अब बहुत देर हो चुकी, जानें पूरी कहानी

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, नई दिल्ली की अधिसूचना दिनांक 28 जून, 2018 में जूनियर बेसिक स्कूलों (कक्षा 01 से 05) में सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति हेतु एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से शिक्षा स्नातक (बीएड) को अर्हकारी प्रशिक्षण योग्यता मान्य किया गया है, किन्तु इस प्रकार अध्यापक के रूप में नियुक्ति व्यक्ति को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त होने के 2 वर्ष के भीतर एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में 6 महीने का एक सेतु पाठ्यक्रम (ब्रिज कोर्स) आवश्यक रूप से पूरा करना होगा।

एनसीटीई द्वारा मान्य की गयी इस अर्हता को संशोधन के माध्यम से उप्र बेसिक शिक्षा नियमावली में सम्मिलित किया जा चुका है। इस नियमावली के बीसवें संशोधन के परिशिष्ट में बीटीसी ट्रेनिंग का उल्लेख है, अतएव नियमावली के परिशिष्ट-4 में बीटीसी प्रशिक्षण के स्थान पर नियम-8 की प्रशिक्षण अर्हताएं सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली-1981 के 15वें संशोधन का परिशिष्ट-2 जो वर्तमान में अप्रासंगिक हो गया है, को निकाले जाने का भी फैसला लिया गया है। एनसीटीई की अधिसूचना दिनांक 28 जून, 2018 से प्रवृत्त है। अतः यह संशोधन दिनांक 28 जून, 2018 से लागू होंगे।

यह भी पढ़ें…जिंदगी को शर्तों पर चलाते ये नाबालिग, खेल रहे मौत का झकझोर देने वाला खेल

पहले ये थी व्यवस्था

दरअसल, अभी तक वे डिग्री धारक ही अप्लाई कर सकते थे, जिन्होंने टीईटी क्वालीफाई किया है या फिर उम्मीदवार राष्ट्रीय शिक्षा परिषद से दो वर्षीय डीएलएड (बीटीसी ) या यूपी टेट पास हो। अब साधारण बीएड डिग्री धारक भी सहायक शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।

BTC धारकों की मांग

69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में क्वालीफाइंग मार्क्स को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले शिवेंद्र ने कहा कि उन्हें सरकार के इस फैसले से कोई दिक्कत नहीं है। दरअसल, हम पर यह आरोप लगता रहा है कि बीटीसी वाले चुनौती से डरते हैं, लेकिन, अगर सरकार ने बीएड को बीटीसी के बराबर करने का फैसला लिया है तो हमें भी कोई आपत्ति नहीं है।

उन्‍होंने कहा कि अब हमें भी एलटी ग्रेड और टीजीटी के लिए अप्लाई करने का मौका मिलना चाहिए जिस तरह बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति के बाद कोर्स करना होगा वैसा कोर्स हमारे लिए भी हो।

सरकार के इस फैसले के आधार पर उन्होंने आने वाले दिनों में बीटीसी क्वालीफाई करने वालों को एलटी ग्रेड और टीजीटी में मौका देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही।

Tags:    

Similar News