यूपी के डॉक्टरों के दिन सुधर सकते हैं, आईएमए कर रहा है संघर्ष

Update: 2017-10-03 15:04 GMT
यूपी के डॉक्टरों के दिन सुधर सकते हैं, आईएमए कर रहा है संघर्ष

लखनऊ: यूपी के डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के दिन फिर सकते हैं। डॉक्टरों एवं मेडिकल संस्थानों पर होने वाली हिंसा तथा तोड़-फोड़ के विरोध में लखनऊ रिजन का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) मैदान में उतर चुका है। चिकित्सकीय क्षेत्र से जुड़ी कई मांगों को लेकर आईएमए संस्था अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। सरकार का ध्यान खींचने के लिए संस्था से जुड़े डॉक्टर व अन्य लोग गांधी जयंती पर उपवास करके अपना विरोध भी दिखा चुके हैं। डॉक्टरों व चिकित्सीय संस्थानों के हित को लेकर आईएमए संघर्ष कर रहा है।

चिकित्सकों की समस्या को सुलझाना हमारा उद्देश्य

आईएमए के अध्यक्ष डॉ पीके गुप्ता ने बताया कि अक्सर अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के तीमानदार चिकित्सकों से बदसलूकी करते हैं। इसके अलावा मरीज की मौत हो जाने पर अस्पताल में तोड़फोड़ करना आम बात हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि आईएमए चिकित्सकों के इसी समस्या को लेकर काम कर रही है। सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए गांधी जयंती पर आईएमए से जुडे़ चिकित्सकों ने सामूहिक उपवास कर समस्या पर चर्चा की।

इन मांगों को उठा रहा है आईएमए

-चिकित्सकों व मेडिकल संस्थानों पर हिंसा, मारपीट एवं तोड़े-फोड़ के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग कर रहा है आईएमए

-मेडिकल नेगलिजेंस के मामलों में उपभोक्ता द्वारा दायर क्षतिपूर्ति की राशि को न्यायसंगत बनाया जाय

-आवासीय क्षेत्रों में चलने वाले क्लीनिकों, डायग्नोस्टिक सेंटर तथा नर्सिंग होम को आवश्यक जनसुविधाओं के अंतर्गत रखकर लैंड यूज चेंज की परिधि से बाहर किया जाय

-चिकित्सीय व्यवस्था को सुचारू तरीके से चलाने के लिए चिकित्सकों का अलग से प्रशासनिक कैडर बनाया जाय

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