UP Election 2022: गठबंधन की उम्मीद टूटने पर AAP ने चुनी अलग राह, सभी सीटों पर दिखाएगी ताकत,जानें आखिर क्या है पार्टी की तैयारी

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तेज होती सरगर्मियों के बीच आम आदमी पार्टी की ओर से बड़ा एलान किया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-09-01 13:27 IST

आप नेता संजय सिंह की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तेज होती सरगर्मियों के बीच आम आदमी पार्टी की ओर से बड़ा एलान किया गया है। आप के उत्तर प्रदेश प्रभारी और सांसद संजय सिंह ने घोषणा की है कि पार्टी प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में तिरंगा संकल्प यात्रा निकालने का भी एलान किया है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रवाद को नकली बताते हुए यह भी कहा कि आप प्रदेश के लोगों को असली राष्ट्रवाद से परिचित कराएगी।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए सभी सियासी दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है। संजय सिंह की अगुवाई में आप कार्यकर्ताओं की सक्रियता भी बढ़ी है। संजय सिंह लगातार योगी सरकार पर हमले करने में जुटे हुए हैं। सियासी हलकों में पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि आप और समाजवादी पार्टी का चुनावी गठबंधन हो सकता है।

संजय सिंह की सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को और बल मिला था। मगर अब संजय सिंह की ओर से सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के एलान से साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी ने अब अलग राह चुन ली है। वह अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी।

15 दिनों में सभी सीटों पर प्रत्याशियों का एलान

दरअसल, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ी सियासी जंग माना जा रहा है। भाजपा को भी पता है कि इस जंग में हार से दिल्ली की सत्ता पर भी पकड़ कमजोर हो जाएगी। दूसरी ओर विपक्षी दलों ने भी इस चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के लिए कमर कस ली है। आम आदमी पार्टी पहली बार अपने दम पर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरने जा रही है।

संजय सिंह का कहना है कि पार्टी के 120 प्रत्याशियों की सूची तैयार है। अगले 15 दिनों में सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया जाएगा। अगर आप इस एलान को पूरा करने में कामयाब रही तो निश्चित रूप से वह सभी सीटों पर अपने पत्ते खोलने वाली पहली पार्टी होगी क्योंकि दूसरे सभी दलों में अभी तक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है।

आप नेता संजय सिंह की तस्वीर 

इसलिए नहीं हो सका सपा से गठजोड़

समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समय-समय पर इस बात को स्पष्ट करते रहे हैं कि सपा छोटे दलों के साथ गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरेगी। आप के साथ चुनावी गठजोड़ के मुद्दे पर दोनों दलों के नेताओं की ओर से कभी खुलकर कुछ नहीं कहा गया मगर भीतर ही भीतर दोनों दलों के बीच चर्चा जरूर चली थी। संजय सिंह की अखिलेश यादव के साथ मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को और बल मिला था।

सियासी जानकारों का कहना है कि दोनों दलों के बीच सीटों के तालमेल को लेकर बात बनने की कोई संभावना नहीं थी। इसके साथ ही अखिलेश यादव अब किसी भी ऐसे दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहते जिसकी ओर से ज्यादा सीटों की डिमांड की जाए। यही कारण था कि सपा और आप में चुनावी गठजोड़ की चर्चाओं ने शुरुआत में ही दम तोड़ दिया।

सभी विधानसभा क्षेत्रों में तिरंगा संकल्प यात्रा

संजय सिंह हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश की सियासत में खासे सक्रिय हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण के मामले में भूमि विवाद के मुद्दे को लेकर उन्होंने योगी सरकार और श्रीराम जन्मभूमि न्यास पर बड़ा हमला बोला था। इसके साथ ही वह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार की विफलता का आरोप लगाते रहे हैं। भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर भी वे समय-समय पर योगी सरकार को घेरते रहे हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से वही उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हीं के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतरेगी।

2022 का चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ने के लिए उन्होंने मंगलवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। उन्होंने बूथ स्तर पर तैयारियों के लिए जुट जाने की अपील करने के साथ ही 403 विधानसभा क्षेत्रों में तिरंगा संकल्प यात्रा निकालने की भी घोषणा की।

आप ने राष्ट्रवाद का मतलब समझाया

आप नेता ने कहा कि भाजपा नकली राष्ट्रवाद के जरिए लोगों को छलने का प्रयास कर रही है। हम असली राष्ट्रवाद के जरिए प्रदेश के लोगों की सुविधाओं को बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए राष्ट्रवाद का मतलब नफरत फैलाना, कोरोना मरीजों को उनके हाल पर छोड़ देना, हिंदुत्व के नाम पर हिंसा की घटनाएं कराना, विकास कार्यों की आड़ में घोटालों को अंजाम देना, सड़कों को गड्ढायुक्त बनाना और देश जोड़ने के बजाय उसे तोड़ना है।

उन्होंने कहा कि आप के राष्ट्रवाद का मतलब है कि गरीबों के बच्चों को पढ़ने के लिए बेहतर स्कूल मिले, दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तरह प्रदेश के हर गांव में चिकित्सा की उचित व्यवस्था हो, अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल खोले जाएं और प्रदेश के लोगों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त में हासिल हो। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव और पूर्वाग्रह के विकास की मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं। हम इन चुनावी नारों के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे। हमें प्रदेश के लोगों का भरपूर समर्थन मिलने की उम्मीद है।

सभी सीटों पर और तीखी होगी जंग

आप नेता की प्रदेश के सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि शहरी क्षेत्रों की सीटों पर सियासी दलों के बीच तीखी जंग होगी। अभी प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आप की बहुत ज्यादा धमक नहीं बन सकी है। मगर इतना जरूर है कि आप दूसरे सियासी दलों के लिए मुसीबत जरूर बनेगी।

अभी दूसरों दूसरे दलों ने अकेले चुनाव लड़ने या गठबंधन के संबंध में अपने पत्ते नहीं खोले हैं मगर आप ने अपने दम पर प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा करके दूसरे दलों पर बढ़त जरूर हासिल कर ली है। माना जा रहा है कि चुनाव प्रचार तेज होने के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी उत्तर प्रदेश में पूरी ताकत झोंकेंगे।

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