UP Election 2022: आखिर कौन है प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट, 10 लाख से अधिक वोटर करेंगे हार-जीत का फैसला
UP Election 2022: सभी विधानसभा सीटों पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने सियासी गुणा गणित का आंकलन करना शुरू कर दिया है।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (up assembly election 2022) का बिगुल बज चुका है। सभी चुनावी राज्यों में विभिन्न सियासी दलों की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गई है मगर सबसे दिलचस्प चुनाव यूपी का ही माना जा रहा है। सात चरणों में होने वाले मतदान के दौरान यूपी के मतदाता 403 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
सभी विधानसभा सीटों पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने सियासी गुणा गणित का आंकलन करना शुरू कर दिया है। राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा भी शुरू कर दी गई है। वैसे यह जानना दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में सबसे बड़ी सीट कौन सी है। यदि मतदाताओं की संख्या के हिसाब से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश की साहिबाबाद विधानसभा सीट सबसे बड़ी है। इस विधानसभा सीट पर 10 लाख से अधिक मतदाता प्रत्याशियों के हार-जीत का फैसला करते हैं।
संख्या के हिसाब से साहिबाबाद सबसे बड़ी सीट (Sahibabad Assembly Seat Details)
गाजियाबाद जिले के अंतर्गत साहिबाबाद विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों के लिए मतदाताओं को साधना हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है। इसका कारण यह है कि यह प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है और इस सीट पर सबसे ज्यादा मतदाताओं का नाम दर्ज है। साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में पुरुष मतदाताओं की संख्या 5.71 लाख है। यदि महिला मतदाताओं की बात की जाए तो 4.40 महिला मतदाता प्रत्याशियों के हार-जीत का फैसला करेंगी।
चुनाव प्रचार के दौरान हर बड़े सियासी दल का प्रत्याशी मतदाताओं तक पहुंचना चाहता है मगर साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या इतनी ज्यादा है कि प्रत्याशियों के लिए यह काम टेढ़ी खीर साबित होता है।
हमेशा दलबदल करते रहे हैं सपा प्रत्याशी
साहिबाबाद विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की ओर से प्रत्याशी की घोषणा की जा चुकी है। सपा और राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर अमरपाल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा गया है। 2017 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाई थी मगर पिछले साल वे सपा में शामिल हो गए थे। अब सपा की ओर से उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है।
अमरपाल शर्मा के बारे में एक बात और यह भी उल्लेखनीय है कि वे हर बार नए सियासी दल के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरते रहे हैं। 2012 के चुनाव में उन्होंने बसपा उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमाई थी जबकि 2017 के चुनाव में वे कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे। अब इस बार के चुनाव में वे साइकिल की सवारी करते हुए नजर आएंगे।
गाजियाबाद के चर्चित गजेंद्र भाटी हत्याकांड में भी उनका नाम उछला था और इस कारण उन्हें कई महीने जेल में भी रहना पड़ा था।
पिछले चुनाव में मिली थी भाजपा को जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में साहिबाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा के सुनील शर्मा ने जीत हासिल की थी। वे एक बार फिर यहां से टिकट के दावेदार हैं मगर भाजपा की ओर से अभी तक पत्ते नहीं खोले गए हैं। गाजियाबाद में 10 फरवरी को पहले चरण में ही मतदान होना है। इसलिए माना जा रहा है कि दूसरे राजनीतिक दलों की ओर से भी जल्द ही प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकती है।
गाजियाबाद में नामांकन पत्र भरने की आखिरी तारीख 21 जनवरी है जबकि 27 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। गाजियाबाद जिले की विधानसभा सीटों पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है।