Agra से इटावा तक चंबल नदी उफनाई, CM योगी का 'रेड अलर्ट, प्रभावित इलाकों में प्रशासन ले रही हर पल की जानकारी
चंबल नदी इस समय खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। चंबल नदी की बाढ़ की चपेट में आगरा से लेकर इटावा तक के एक दर्जन से अधिक गांव आ गए हैं। सीएम योगी ने रेड अलर्ट जारी किया है।
Etawah Flood News: चंबल नदी इस समय खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। चंबल नदी की बाढ़ की चपेट में आगरा से लेकर इटावा तक के एक दर्जन से अधिक गांव आ गए हैं। इन जिलों के डीएम, एसएसपी नदी के बढ़ते जलस्तर पर पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
सीएम योगी का 'रेड अलर्ट'
मुख्यमंत्री कार्यालय से बताया गया है कि यमुना और बेतवा से जुड़े जिलों के लिए यहां जिला प्रशासन को खास निर्देश दिए गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने विशेष निर्देश में प्रभावित इलाकों के जिला प्रशासन बाढ़ को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिये। CM ने जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये। राजस्थान से पानी छोड़े जाने से यमुना-बेतवा में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। यूपी में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
सीएम योगी ने कहा है, कि प्रभावित इलाकों के डीएम बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए व्यवस्था करें। गांवों और शहरों में लोगों की सुरक्षा की व्यवस्था करें। सीएम ने आगे कहा, कि आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया के डीएम नदियों के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए एलर्ट मोड पर रहें। सीएम ने जालौन, हमीरपुर, बांदा, प्रयागराज के डीएम को भी खास निर्देश दिए हैं। साथ ही, मथुरा और मिर्जापुर जिले के डीएम को भी खास निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने कहा है कि प्रभावित जिलों में NDRF, SDRF की टीमें अलर्ट रहें। साथ ही, PAC और आपदा प्रबंधन टीमें भी अलर्ट रहें।
सीएम ने निर्देश दिये हैं
- प्रभावित परिवारों को मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
- राहत कंट्रोल रूम क्रियाशील रहे।
आगरा में चम्बल नदी ने पिछला सभी रिकार्ड तोड़ दिया
आगरा के चंबल नदी ने अब तक का सारा रिकॉर्ड तोड़ा दिया है। गत 23 अगस्त 1996 को चंबल में बाढ़ आयी थी, जो अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ मानी जा रही थी।लेकिन 1996 के 136.6 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अब चम्बल नदी नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रही है। 136.7 मीटर पर पहुंची चंबल नदी का लगातार जलस्तर बढ़ता देख अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। पिनाहट घाट पर बना चंबल डाल नहर परियोजना का कार्यालय व पंप हाउस के अंदर जाने वाला लोहे का पुल भी डूब गया है।अधिकारियों ने राहत एवं बचाव कार्य का निरीक्षण किया है।
इटावा में भी चम्बल नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर
कोटा बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से चंबल नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है 21-22 अगस्त को गांधी सागर से लगभग 6000 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया था। जिससे चंबल नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई। अभी की स्थिति में ऊदी घाट पर चंबल का जलस्तर 119.90 मीटर है जो कि खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यह जलस्तर 25 अगस्त तक 122-123 मीटर जा सकता है। इसी के साथ अभी प्राप्त जानकारी अनुसार गांधी सागर से लगभग 12 हज़ार क्यूसेक पानी आज छोड़ा गया है जिसका असर चंबल के जलस्तर पर लगभग 30-40 घंटे बाद यानी 25 की शाम एवं 26 अगस्त की सुबह में देखने को मिलेगा।अनुमान अनुसार इससे चंबल का जल स्तर 12 मीटर तक बढ़ कर 128 मीटर जा सकता है।जिससे अटेर के 20-25 ग्राम प्रभावित हो सकते हैं।
डीएम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का लिया जायजा
चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जल स्तर का जायजा लेने पहुचे आला अधिकारी भी मौके पर है। जिलाधिकारी अवनीश राय, एसएसपी जयप्रकाश सिंह, अपर जिलाधिकारी जयप्रकाश समेत कई अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया निरीक्षण कर रहे हैं। कोटा बैराज और गांधी सागर बांध से छोड़े गए पानी की बजह से चंबल का नदी जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। अधिकारियों ने राहत एवं बचाव कार्य का निरीक्षण कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
ग्रामीणों को किया अलर्ट
जिलाधिकारी अवनीश राय ने बताया कि बाढ़ की स्तिथि पर लगातार नज़र रखी जा रही है। स्तिथि नियंत्रण में है, प्रभावित लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। जिला प्रशासन का चंबल किनारे के सभी ग्रामों में रह रहे व्यक्तियों से अनुरोध है कि नदी किनारों से दूर रहे। सुरक्षित स्थानो पर निवास करें। जिला प्रशासन द्वारा इस हेतु नदी किनारे के ग्रामों का निरीक्षण कर ग्रामीण व्यक्तियों को एलर्ट कर दिया है।
इसके साथ सुरक्षात्मक रूप में एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ के दलो को मय बोट के विभिन्न स्थानो पर तैयार रखा है। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में गर्भवती महिलाएं एवं अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को चिन्हित कर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने का अनुरोध भी किया।