यूपी में तबाही! बाढ़ की चपेट में 820 गांव, हर तरफ मचा कोहराम

सरकार का कहना है कि कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक स्थिति नहीं है। वर्तमान में प्रदेश के सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ की स्थिति की मानीटरिंग की जा रही है।

Update:2020-08-09 20:38 IST
up-floods

लखनऊ: यूपी में बाढ़ के कहर का दायरा बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में प्रदेश के 20 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। यूपी के अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, देवरिया, संतकबीरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़ तथा सीतापुर जिलों के 802 गांव बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुर, सरयू (घाघरा) नदी-एल्गिनब्रिज बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। इस बीच उफनाई नदियों द्वारा तटबंधों का तेजी से कटाव जारी है।

सीएम योगी ने दिए पेट्रोलिंग के ज़रिए 24 घंटे निगरानी के निर्देश

बलिया की बैरिया तहसील में घाघरा का जलस्तर बढ़ने के कारण कोटवा सुल्तानपुर रिंग बांध में कटाव के कारण रिसाव शुरू हो गया है। जिससे खादीपुर, कोटवा, सुल्तानपुर तथा ताहिरपुर गावों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। हालांकि सरकार का कहना है कि कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। वर्तमान में प्रदेश के सभी तटबंध सुरक्षित है। प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की लगातार मानीटरिंग की जा रही है।

ये भी पढ़ें- चाय की जिस चुस्की के साथ करते हैं सुबह की शुरुआत, जानिए उसका रोचक इतिहास

CM Yogi On Flood

योगी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने रविवार को प्रदेश में बाढ़ की स्थिति के बारे में मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में ड्रोन और स्थलीय पेट्रोलिंग के माध्यम से 24 घंटे निगरानी के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिये गये हैं। तथा जिलों के मध्य आपसी क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बांधों और जलाशयों से पानी छोड़े जाने की सूचना निरन्तर जानकारी रखने के साथ-साथ बाढ़ से बचाव के लिए समस्त तैयारियां पूर्व से ही सुनिश्चित करने का और पशुओं के आहार के लिए पर्याप्त चारा, भूसा आदि की व्यवस्था रखने के निर्देश दिये गये हैं।

मंत्री ने दी स्थिति की जानकारी

Anil Rajbhar

राजभर ने बताया कि जनपद बलिया (तहसील-बैरिया) में सरयू (घाघरा) नदी के दायें तट पर स्थित बकुलहा संसार टोला तटबंध पर टी-स्पर के नोज भाग के अपस्ट्रीम में स्लोप क्षतिग्रस्त हो गया है। कटान को रोकने के लिए तुरन्त सीमेंट की खारी बारी में ब्रिक रोड़ा भर कर गैवियान रोप में डालकर फ्लट फाईटिंग का कार्य कराया जा रहा है। कटान स्थल पर जीआई वायर क्रेट में बोल्डर डालकर कटर निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, स्थिति नियंत्रण में है।

ये भी पढ़ें- हो गई B.ed परीक्षा! ऐसा रहा सेंटर का नजारा, गाइडलाइन का हुआ पालन

उन्होंने बताया कि बलिया में ही (तहसील-बैरिया) सरयू (घाघरा) नदी के दांये तट पर स्थित कोटवा सुल्तानपुर रिंग बांध के मध्य स्थित ग्राम खादीपुर, कोटवा, सुल्तानपुर तथा ताहिरपुर जो बंधे से सटे हैं। वहां घाघरा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण रिंग बांध में जगह-जगह रिसाव हो रहा है और बंधे पर पानी के अत्यधिक दबाव चलते कटान हो रही है। सीपेज को बन्द कराते हुए बाढ़ बचाव कार्य के लिए सीमेन्ट की खाली बोरी में ब्रिकरोरा तथा लोकल अर्थ नायलान क्रेट में डालकर बाढ़ बचाव का कार्य किया जा रहा है। स्थिति नियंत्रण में है, वर्तमान में रिंग बांध और गांव सुरक्षित है।

आपदा से निपटने के लिए की गई आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना- अनिल राजभर

Flood In UP

मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च और रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 07 टीमें, कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। 780 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 283 बाढ़ शरणालय तथा 715 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में 178 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 06 लाख 10 हजार 688 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं।

ये भी पढ़ें- सिंधु जल समझौते पर बातचीत करेंगे भारत-पाकिस्तान, लेकिन यहां फंसा पेंच

बाढ़ पीड़ित परिवारों को 17 प्रकार की सामग्री वाली खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 40 हजार 456 खाद्यान्न किट व 01 लाख 82 हजार 831 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 253 मेडिकल टीम लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 1347 कुंटल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है।

Tags:    

Similar News