योगी राज में राज कर रहा है ये एसडीएम, मंत्री ने दिए जांच के आदेश

Update:2017-09-16 18:55 IST
लखनऊ: यूपी में सरकार बनने के पहले और प्रचण्ड बहुमत हासिल होने के बाद से बीजेपी लगातार भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त प्रदेश बनाने के वादे और दावे करती हुई दिखाई दे रही है लेकिन अगर सूबे की व्यवस्था पर नजर डालें तो

लखनऊ: यूपी में सरकार बनने के पहले और प्रचण्ड बहुमत हासिल होने के बाद से बीजेपी लगातार भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त प्रदेश बनाने के वादे और दावे करती हुई दिखाई दे रही है लेकिन अगर सूबे की व्यवस्था पर नजर डालें तो पार्टी और सरकार के दावे खोखले दिखाई दे रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने की बात हो रही है लेकिन जिनके हांथो में इसके खिलाफ कमान सौंपी गई है वही अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त नजर आ रहे हैं और सरकार गांधी जी के तीन बन्दर बनी हुई है।

ताजा मामला गाजियाबाद के मोदीनगर का है जहाँ पर एसडीएम अतुल कुमार पर दर्जनों भ्रष्टाचार के मामले हैं लेकिन उनपर एक्शन नहीं लिया जा रहा है। सरकारी जमीनों को हड़पने से लेकर अवैध खनन तक का कारोबार इन एसडीएम की नाक के नीचे होता है लेकिन महोदय कार्यवाही के नाम पर हाँथ पर हाँथ धरे बैठे हुए हैं। जबकि जनता पूरी तरह से त्रस्त है।

लिहाज़ा आज बीजेपी से सभासद लोकेश कुमार गाज़ियाबाद से चल कर बीजेपी मुख्यालय पर हो रही जन सुनवाई केंद्र पर प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री से अतुल कुमार की शिकायत की । इतना ही नहीं राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी एसडीएम महोदय के भ्रष्टतंत्र के बारे में अवगत कराया गया है।

क्या है एसडीएम पर आरोप?

मोदी नगर में नाला निर्माण में करोड़ों की लूट

GT रोड पर LED लाईट लगाने में करोड़ों का वारा न्यारा

खुलेआम भू माफियाओं से मिलकर तकरीबन 200 जमीनों का 143 किया

सूबे में खनन के रोक के बाद भी लगातार खनन माफियाओं से मिलकर अवैध खनन कराना जबकि सूबे के मुखिया योगी इसके लिए शख्त आदेश दे चुके हैं।

काम किये बिना ही चाहते ठेकेदारों को पूरा पेमेंट जारी करना

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के मुआवजे में मनमाना रवैया

भ्रष्ट अधिकारी अतुल कुमार से पीड़ित जनता की शिकायत का सज्ञान लेते हुए जान सुनवाई केंद्र के प्रभारी मंत्री और योगी सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर रमापति शास्त्री ने जांच के आदेश दिए हैं। शास्त्री ने एसडीएम अतुल कुमार के कारनामो की जांच के लिए प्रमुख सचिव राजस्व को निर्देशित किया है और कहा है की 3 दिन के अंदर जांच और उचित कार्यवाही करके बताएं।

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