Religious Conversion Case: धर्म परिवर्तन मामले में UP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किया हलफनामा दायर, जमानत का विरोध
Religious Conversion Case: उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद कृषि विश्वविद्यालय के वीसी और निदेशक की जमानत का विरोध किया है। इन पर हिन्दुओं के सामूहिक धर्मांतरण के आरोप लगे हैं।
Religious Conversion Case: उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद कृषि विश्वविद्यालय के वीसी और निदेशक की जमानत का विरोध किया है। इन पर हिन्दुओं के सामूहिक धर्मांतरण के आरोप लगे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर जमानत याचिका का विरोध किया। यूपी सरकार ने कहा, 'याचिकाकर्ता एक शरारती तत्व है। इस पर कई जिलों में अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं। याचिकाकर्ता पर यूपी में 38 केस दर्ज हैं।
योगी सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा कि, याचिकाकर्ता सक्रिय रूप से अवैध धर्मांतरण (Illegal Conversion) में शामिल था, जो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। सीजेएम फतेहपुर (CJM Fatehpur) ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। बताया गया है कि, अवैध धर्मांतरण के लिए इन्हें विदेशी फंड भी प्राप्त हुए हैं। बहरहाल, इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है वो अदालत को तय करना है।
पिछले साल दर्ज हुई थी पहली FIR
आपको बता दें, अवैध धर्मांतरण के इस मामले में पहली एफआईआर 15 अप्रैल 2022 को दर्ज हुई थी। फतेहपुर कोतवाली में केस दर्ज हुआ था। 23 जनवरी 2023 को भी फतेहपुर कोतवाली फतेहपुर में दो नए मामले दर्ज किये गए। इसी मामले में पुलिस शुआट्स के चांसलर, वाइस चांसलर सहित अन्य आरोपियों की तलाश भी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फतेहपुर के हरिहरगंज स्थित इवेजिकल चर्च (Evangelical Church) में 14 अप्रैल 2022 को सामूहिक धर्मांतरण करवाए जाने का मामला सामने आया था।
धर्मांतरण मामले में 54 आरोपी
गौरतलब है कि, धर्मांतरण के इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक 54 लोगों को आरोपी बनाया है। 15 आरोपी जेल में हैं, जबकि 36 अग्रिम जमानत पर हैं। तीन आरोपी फरार हैं। इसके अलावा, यूपी एसटीएफ ने भी 2 फरवरी 2023 को वाइस चांसलर प्रोफेसर आरबी लाल (VC Professor RB Lal), निदेशक वीबी लाल (Director VB Lal) समेत 11 के खिलाफ अवैध नियुक्तियों तथा वित्तीय अनियमितता के मामले में दो एफआईआर दर्ज करवाई है।
अलग-अलग देशों से आए थे 34 करोड़ करोड़ रुपए
यूपी पुलिस का कहना है कि, वीसी आरबी लाल और निदेशक वीबी लाल ने डरा-धमकाकर धर्मान्तरण में शामिल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि, 34 करोड़ से अधिक की रकम विभिन्न देशों से आई। ये मोटी राशि शुआट्स के खाते में अलग-अलग देशों से आई है। जांच में जुटी पुलिस टीम का कहना है कि, ये रकम पहले 'येशु दरबार ट्रस्ट' (Yeshu Darbar Trust) पहुंचती थी। फिर, पादरियों और हॉस्पिटल के कर्मचारी तक ये रकम पहुंचती थी।
NGO पर छापेमारी में पम्पलेट का भी जिक्र
यूपी पुलिस का कहना है कि, 'प्रयागराज के इवेंजलिकल चर्च में धर्मान्तरण की तैयारी की गई थी। जिसमें 90 हिंदुओं के धर्मान्तरण की तैयारी थी। NGO पर की गई छापेमारी में पम्पलेट का भी जिक्र हुआ था। उस पैम्पलेट में 35 हजार रुपए 'एक्स्ट्रा बोनस' देने की बात लिखी थी।'