यूपी सरकार GDA के आॅडिट की नहीं दे रही अनुमति, गवर्नर ने प्रेसिडेंट से कहा मार्गदर्शन की जरूरत
लखनऊ: गवर्नर राम नाईक ने प्रेसिडेंट प्रणव मुखर्जी को बताया है कि यूपी सरकार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के आॅडिट के लिए अनुमति नहीं दे रही है। राष्ट्रपति भवन में श्री मुखर्जी से मुलाकात के दौरान गवर्नर ने कहा कि इस सिलसिले में सीएम अखिलेश यादव से कई बार पत्राचार भी हुआ और इसी वर्ष 26 अगस्त को पत्र द्वारा यह मामला उनके संज्ञान में भी लाया गया था, पर प्रकरण अभी भी विचाराधीन है। इस पर प्रेसिडेंट के मार्गदर्शन की आवश्यकता है। उन्होंने प्रेसिडेंट को एक पत्र भी सौंपा।
गवर्नर ने पत्र में प्रेसिडेंट को बताया कि महालेखाकार (आर्थिक एवं राजस्व सेक्टर आॅडिट) द्वारा पत्र लिखकर उन्हें अवगत कराया गया था कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के व्यय एवं प्राप्तियों के आॅडिट के लिए प्राधिकरण दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा रहा है। कई बार पत्राचार के बावजूद राज्य सरकार, विकास प्राधिकरण के आॅडिट की अनुमति नहीं दे रही है।
इसके अलावा श्री नाईक ने प्रसिडेंट से शिष्टाचारिक भेंट के दौरान प्रदेश से संबंधित अनेक विषयों पर चर्चा की और राज्य विधानमंडल से पारित और राष्ट्रपति को संदर्भित 6 विधेयकों को भी उल्लेख किया जो अभी विचाराधीन हैं।
गवर्नर ने प्रेसिडेंट को संदर्भित किए हैं ये 6 विधेयक
एरा यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश विधेयक, 2015
उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक, 2016
उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2015
उत्तर प्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2015
उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2015
उत्तर प्रदेश मदरसा (अध्यापकों एवं कर्मचारियों का वेतन भुगतान) विधेयक, 2016
-प्रेसिडेंट को वाराणसी भगदड़ में लोगों की मृत्यु की घटना के बारे में भी जानकारी दी।
-इससे पूर्व गवर्नर ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर से भेंट की।
-विश्वविद्यालयों को उत्कृष्टता का केन्द्र बनाने और उच्च शिक्षा में सुधार लाने पर भी चर्चा की।