योगी सरकार ने वृंदावन और बरसाना को तीर्थ स्थल किया घोषित, लोगों में आक्रोश
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव होने के साथ ही यूपी की योगी सरकार के द्धारा कृष्ण की नगरी मथुरा के दो धार्मिक स्थलों को तीर्थ स्थल घोषित करने का शासनादेश जारी कर दिया था। जिसके कारण एक तरफ में खुशी की लहर तो दूसरे ओर इसको लेकर आक्रोश पनप उठा।
मथुरा: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव होने के साथ ही यूपी की योगी सरकार के द्धारा कृष्ण की नगरी मथुरा के दो धार्मिक स्थलों को तीर्थ स्थल घोषित करने का शासनादेश जारी कर दिया था। जिसके कारण एक तरफ में खुशी की लहर तो दूसरे ओर इसको लेकर आक्रोश पनप उठा।
दरअसल, योगी सरकार की ओर से वृंदावन और बरसाना को तीर्थ स्थल की श्रेणी में लाकर घोषित कर शासनादेश जारी कर दिया गया। इसको लेकर जनता में योगी सरकार के खिलाफ आक्रोश दिखाई दे रहा है।
इसी विषय पर हिंदूवादी नेता और श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी का कहना है कि हम सरकार के फैसले का स्वागत करते है लेकिन शासनादेश में बरसाना को राधा की जन्मस्थली और वृन्दावन को कृष्ण की स्थली बताया गया है। जबकि राधा की जन्म स्थली रावल गांव है जिसको सांसद हेमा मालिनी ने गोद लिया हुआ है और कृष्ण की जन्म स्थली मथुरा है दोनों ही गलत दर्शाया गया है। दोनों ही क्रीड़ा स्थली है ना की जन्म स्थली इन स्थानों की पहचान मथुरा से है ना की वृन्दावन और बरसाना के नाम से मथुरा को जाना जाता है।
आने वाले समय में होगा घोषित
वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जिलाध्यक्ष तेजवीर सिंह का कहना है कि हम यह मांग राजनाथ सिंह के समय से करते चले आ रहे थे जिसको अब योगी सरकार ने पूरा किया है। विपक्षी जनता को भ्रमित कर रहे है और तरह-तरह की बयानबाजी कर जनता को बरगला रहे है। आने वाले समय में पूरा मथुरा तीर्थ स्थल घोषित किया जाएगा।
क्या कहना है स्थानीय नागरिकों का?
स्थानीय नागरिक रमेश पंडित और सामाजिक कार्यकर्ता मनोज चतुर्वेदी का कहना है कि सरकार की ओर से चुनावों को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि मथुरा की छवि को धूमिल करने का प्रयास है। पूरे मथुरा को ही तीर्थ घोषित करना चाहिए था। उनका कहना है कि गोकुल बलदेव गोवर्धन नंदगाव क्या धार्मिक स्थल नहीं है? यहां करोड़ो श्रद्धालु हर साल आते है। इनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
स्थानीय नागरिक साबिर अली ने बताया कि सरकार ने मथुरा को अधूरा तोहफा दिया है। वह भी इसलिए, क्योंकि चुनाव सर पर है। उन्होंने कहा कि आधे अधूरे काम से कोई फायदा नहीं अगर घोषित करना है तो सम्पूर्ण मथुरा को तीर्थ का दर्जा दिया जाए।