UP विधनासभा का बजट सत्र समाप्त, 65 घंटे 31 मिनट चली कार्यवाही
हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधान सभा की कार्यवाही 18.फ़रवरी से प्रारम्भ हुई और 4 मार्च तक चली। 15 दिनों के सत्र में कुल 10 दिन सदन की बैठके हुई। जिसमें कुल 65 घण्टे 31 मिनट सदन की कार्यवाही चली।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि संसदीय जनतंत्र दुनिया की आकर्षक व्यवस्था है। जहां दुनिया में अनेकों स्थानों पर संसदीय जनतंत्र मांग के लिए आन्दोलन हो रहे है। हमारे यहां जनतंत्र लम्बे समय से चल रहा है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते यहां की जो परंपराएं हम विकसित करते है। उस पर अन्य विधान मण्डलों की निगाह रहती है।
15 दिनों के सत्र में कुल 10 दिन सदन की बैठकें हुई
हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधान सभा की कार्यवाही 18.फ़रवरी से प्रारम्भ हुई और 4 मार्च तक चली। 15 दिनों के सत्र में कुल 10 दिन सदन की बैठके हुई। जिसमें कुल 65 घण्टे 31 मिनट सदन की कार्यवाही चली। 10 दिन के उपवेशनों में अल्पसूचित प्रश्न-192, तारांकित प्रश्न-1301, अतरांकित प्रश्न-1671 प्राप्त हुए। इनमें कुछ 1311 प्रश्न उत्तरित हुए। नियम-301 की कुल 377 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनमें से 257 स्वीकृत हुई। नियम-51 के अन्तर्गत 680 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनमें 364 सूचनाएं स्वीकृत हुई और 316 सूचनाओं पर ध्यानाकर्षण किया गया। नियम-56 के अन्तर्गत 39 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनमें 11 सूचनाएं ग्राह्यता हेतु सुनी गयी और 19 पर ध्यानाकर्षण हुआ, और अन्य सूचनाओं को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु सरकार को प्रेषित किया गया। इस सत्र में 1851 याचिकाएं प्राप्त हुई जिनमें से 1587 ग्राह्य होकर सदन में प्रस्तुत की गयी।
हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण पर मुख्यमंत्री एवं दलीय नेताओं समेत 48 सदस्यों ने भाग लिया। वित्तीय वर्ष 2021-22 की बजट चर्चा में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं सहित 116 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस बजट में कुल 18 विधेयक पारित किए गये। जिनमें पक्ष विपक्ष की तरफ से महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई। विपक्ष द्वारा अपनी मांग उठाकर तर्क प्रस्तुत किये। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उठाये गयं प्रश्नों पर समाधान परक उत्तर दिये।
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सदन के सदस्यों का ज्ञानवर्धन हुआ
अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चैधरी, नेता बहुजन समाज पार्टी, लाल जी वर्मा, नेता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आराधना मिश्रा ‘मोना’ व नेता अपना दल नील रतन पटेल की अस्वस्थता के कारण लीना तिवारी एवं सुहेल देव पार्टी के नेता सहित सभी दलीय नेताओं की प्रशंसा की। दीक्षित ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष निरंतर सदन में मौजूद रहे।
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अधिकांश उठने वाले मुद्दों पर हस्तक्षेप करते हुए बड़े ही महत्वपूर्ण एवं सामायिक सुझाव दिए। उससे सदन के सदस्यों का ज्ञानवर्धन हुआ। नेता बहुजन समाज पार्टी लाल जी वर्मा ने महत्वपवूर्ण विषयों पर अपनी विशेष रूचि के साथ अधिकांश समय सदन में मौजूद रहे। संसदीय कार्य मंत्री, सुरेश कुमार खन्ना द्वारा विपक्ष से उठाये गये 56, 51, 301 सहित अनेक प्रकार की सूचनाओं और बिलों के पारण की बहसों पर उत्तर देकर अपना महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की।
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