Rakesh Sachan: कौन हैं एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, जिनकी संस्था के नाम पर हैं 72 औद्योगिक प्लॉट

Rakesh Sachan: मामला सामने आने के बाद उनकी ओर से सफाई भी आई है। कैबिनेट मंत्री की सफाई पर जाने से पहले जानिए कि आखिर पूरा मामला क्या है ।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-02-17 08:30 GMT

Rakesh Sachan (photo: social media )

Rakesh Sachan: योगी सरकार में काबीना मंत्री राकेश सचान एकबार फिर से विवादों में हैं। उनपर 72 औद्योगिक प्लॉटों को अपने नाम पर कराने का गंभीर आरोप लगा है। ये सभी प्लॉट फतेहपुर में स्थित हैं, जिसका आवंटन 2012-13 के कालखंड में हुआ था। अभी तक आवंटन के लिए 10 प्रतिशत की सिक्योरिटी मनी भी जमा नहीं की गई है। सचान यूपी सरकार में एमएसएमई मंत्री हैं। मामला सामने आने के बाद उनकी ओर से सफाई भी आई है। कैबिनेट मंत्री की सफाई पर जाने से पहले जानिए कि आखिर पूरा मामला क्या है ।

फतेहपुर के लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कानपुर के उद्योग निदेशक को एक शिकायती खत लिखा है। खत में उन्होंने कहा कि मिनी औद्योगिक आस्थान चकहाता के 32 प्लॉट और मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर के 45 में से 40 प्लॉट अभिनव सेवा संस्थान के नाम पर राकेश सचान को आवंटित किए गए हैं। 10 साल बीत जाने के बावजूद अभी तक आवंटन के लिए जरूरी 10 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी जमा नहीं की गई है।

आरोप पर मंत्री सचान की सफाई

एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने फतेहपुर लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह के आरोप पर सफाई पेश की है। उन्होने कहा कि साल 2012 में मेरी दो संस्थाओं को प्लॉट आवंटित हुए थे। मगर विकसित नहीं हो पाए। मैं इस विभाग का मंत्री हूं और अपने नाम दर्ज प्लॉटों का आवंटन रद्द करवाउंगा। आवंटन के वक्त यहां कोई बेसिक सुविधा उपलब्ध नहीं थे। ये प्लॉट अभी भी खेत बने हुए हैं। इसे अन्य उद्यमियों को अलॉट कर यहां, बिजली, सड़क और पानी जैसी बेसिक सुविधाएं डेवलप की जाएंगी।

आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराए गए थे सचान

राकेश सचान को लेकर पिछले साल तब बवाल हुआ था जब उनपर कोर्ट से सजा की फाइल लेकर भागने का आरोप लगा था। दरअसल, अगस्त 2022 में आर्म्स एक्ट के 31 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सचान को दोषी ठहराया था और उन्हें 1 साल की सजा के साथ 1500 रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था। हालांकि, इससे उनकी कुर्सी पर कोई आफत नहीं आई और उन्हें जल्द ही बेल भी मिल गया था।

आर्म्स एक्ट का ये मामला साल 1991 का है, उस दौर में राकेश सचान कानपुर विश्वविद्यालय में बीएससी के विद्यार्थी हुआ करते थे। उनके कॉलेज में रहने के दौरान ही कानपुर में एक घटना घटी। नौबस्ता में नृपेंद्र सचान नामक छात्र नेता की हत्या कर दी गई थी। इसी दौरान पुलिस ने राकेश सचान को एक रायफल के साथ पकड़ा था। आरोप था कि रायफल का लाइसेंस उनके पास नहीं था। ऐसे में पुलिस ने उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था, जिस पर पिछले साल जाकर अदालत का फैसला आया।

सचान पर कितने मुकदमे ?

बकौल राकेश सचान छात्र जीवन में जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा था, तभी से उनके ऊपर कई तरह के मुकदमे लाद दिए गए। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने शपथपत्र में बताया था कि उनके ऊपर पर कुल 8 मुकदमे दर्ज हुए हैं। सचान कहते हैं कि उनके ऊपर दर्ज मुकदमों को खत्म करने के लिए पूर्व में अखिलेश सरकार और वर्तमान में योगी सरकार आदेश दे चुकी हैं लेकिन ये आदेश कलेक्टर के पास लंबित हैं।

सियासी सफर

1964 में जन्मे राकेश सचान कानपुर के किदवई नगर इलाके के रहने वाले हैं। उनकी पहचान एक मजे हुए सियासतदां के तौर पर होती है। उन्होंने यूपी के तीन प्रमुख सियासी दलों में समय बिताया है। शुरूआत उन्होंने साल 1993 में समाजवादी पार्टी से की। उस साल वे पहली बार घाटमपुर विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे। 2002 में सपा के टिकट पर दोबारा इसी सीट से विधायक बने। सचान अब तक यादव परिवार के गुडबुक में शामिल हो चुके थे।

इसी का नतीजा है कि साल 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें फतेहपुर सीट से उतारा और वे जीते भी। 2014 में एकबार फिर वे इसी सीट से सपा के टिकट पर मैदान में थे लेकिन मोदी लहर में वे अपनी जीत को दोहरा नहीं पाए। तब तक पार्टी में मुलायम सिंह यादव की पकड़ ढ़ीली हो गई थी और अखिलेश यादव सारे अहम फैसले लेने लगे थे। कहा जाता है कि अखिलेश से उनकी किसी बात को लेकर अनबन हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने 2019 में सपा छोड़ दिया।

सपा में दो दशक से अधिक समय गुजराने के बाद सचान कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने उन्हें 2019 के आम चुनाव में फतेहपुर से चुनाव भी लड़वाया लेकिन इस बार भी वो अपनी सीट नहीं निकाल पाए। राकेश सचान अब समझ चुके थे कि अगर प्रदेश में राजनीति करनी है तो बीजेपी के पास जाने के अलावा और कोई विकल्प फिलहाल नहीं है।

लिहाजा 2022 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उन्होंने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया और विधानसभा चुनाव में कानपुर की भोगनीपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा। सचान इस बार जीतने में कामयाब रहे और उन्हें इस जीत के लिए पुरस्कृत भी किया गया। योगी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। राकेश सचान के पास फिलहाल रेशम उद्योग, हथकरघा, वस्त्रोद्योग, खादी ग्रामोद्योग और एमएसएमई विभाग है।

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