पंचायत चुनाव: प्रधान पद की आरक्षण सूची जारी, बढ़ी सियासी सरगर्मी
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का एलान होते ही लोगों की निगाहें सीट निर्धारिण पर टिक गई हैं। क्योंकि सीट निधारण न होने से सभी वर्ग से लोग अभी तक चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।
रजनीश कुमार मिश्र
बाराचवर (गाजीपुर)। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का एलान होते ही लोगों की निगाहें सीट निर्धारिण पर टिक गई हैं। क्योंकि सीट निधारण न होने से सभी वर्ग से लोग अभी तक चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। लेकिन लोगों की सोच हटकर सीट निर्धारण होने की वजह से चुनावी समीकरण बदल हुआ दिखाई दे रहा है। इसी तरह गाजीपुर जनपद के सभी प्रत्याशियों की निगाहें 2 मार्च पर टिकी हुई थी। कोई चाह रहा था कि समान्य सीट हो तो कोई पिछड़ा। कुछ अनुसूचित जनजाति का तो कुछ अनुसूचित सीट होने की तलाश में थे। लेकिन इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने इन सब अटकलों पर विराम लगाते हुए गाजीपुर जनपद के सभी ब्लाकों के प्रधान पद की आरक्षण सूची जारी कर दिया है।
राजनीतिक हलचल तेज
आरक्षण सूची जारी होते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चौराहों पर लोग अभी से आरक्षण के अनुसार अपने प्रत्याशी की तलाश करने में लोग जुट गये हैं। बताते चलें कि आरक्षण की सूची ने कई ऐसे प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ दिया है जो प्रधान पद की लालच में समाजसेवी बने हुए थे। कुछ लोगों ने समाजसेवा के नाम पर लोगों की काफी मदद भी की है। लेकिन आरक्षण सूची आने के बाद उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया है।
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मजे की बात यह है कि आरक्षण सूची आने के बाद अब प्रधान पद के नए चेहरे उभरने लगे है। गांवों में जीत—हार का गुणा—गणित लगाने का क्रम शुरू हो गया है। उम्मीदवारों के समर्थक अपने—अपने प्रत्याशियों को जिताने में जुट गए है। फिलहाल इस समय ग्रामीण अंचलों में चुनावी सरगर्मी काफी बढ़ गई है। समर्थक अपने—अपने प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने में लग गए हैं।
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