मोदी के शपथ ग्रहण को लेकर यूपी में धड़कने तेज
कहा जा रहा है कि जिस तरह पिछले चुनाव में अमृतसर में हार के बाद भी अरुण जेटली को सरकार में शामिल किया गया था, उसी प्रकार मनोज सिन्हा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब सबको इंतजार शपथग्रहण समारोह का है जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेगें। इसके लिए केवल अब 48 घटे का समय बचा है। लेकिन उससे से भी ज्यादा केज इस बात को लेकर है यूपी के किन सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह मिलने जा रही है।
कहा जा रहा है कि गुरूवार की शाम होने वलो शपथग्रहण समारोह में कुछ ही मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। उसके बावजूद यूपी को मंत्रिमंडल में अधिक हिस्सेदारी मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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उत्तर प्रदेश ने इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 62 और अपना दल (एस) को दो सीटें दी हैं। इससे मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश की भूमिका को नकारा नही जा सकता है। भाजपा जब पिछला चुनाव 2014 का जीती थी तो उस चुनाव में अपना दल गठबन्धन के साथ उसने 73 सीटे जीती थी। तब राजनाथ सिंह, मेनका गांधी, पूर्व जनरल वीके सिंह, सत्यपाल सिंह और महेश शर्मा को मंत्री बनाया गया था। इस बार भी इन सांसदो को फिर से मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज है।
इसी तरह अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली पूर्व मंत्री और स्मृति ईरानी को मंत्री बनना तय माना जा रहा है। उन्हे किसी बडे विभाग की जिम्मेदारी दिए जाने की बात कही जा रही है। जबकि सहयोगी दल अपना दल (एस) से अनुप्रिया पटेल का दोबारा मंत्री बनना तय है। इसी तरह गाजीपुर से चुनाव हारे पूर्व रेलराज्य मंत्री मनोज सिन्हा के भी मंत्री बनाए जाने की बात कही जा रही हे।
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इनके अलावा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवतीनन्दन बहुगुणा की पुत्री डा रीता बहुगुणा जोशी भी पहली बार इलाहाबाद से चुनाव जीती है उनको भी मंत्री बनाया जा सकता है। वह अभी यूपी सराकर में कैबिनेट मंत्री है और अर्भी उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन जल्द ही उनाके अपना इस्तीफा देना पडेगा। इनके अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को हराने वाले कानपुर के सांसद सत्यदेव पचैरी प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा मौर्या भी को भी राज्यमंत्री के पद से नवाजा जा सकता है।
पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश की मंत्रिमंडल में अच्छी भागीदारी थी। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, लघु एवं मझले उद्योग मंत्री कलराज मिश्रा, रेल मंत्री मनोज सिन्हा, विदेश राज्यमंत्री पूर्व जनरल वीके सिंह, पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, वित्त राज्य मंत्री (राज्यसभा सांसद) शिवप्रताप शुक्ला और साध्वी निरंजना ज्योति मंत्रिमंडल में शामिल थे। इसके अलावा सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) से अनुप्रिया पटेल भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल थी।
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मनोज सिन्हा की हार के बाद भी उनके मत्रिमंडल में शामिल किए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिस तरह पिछले चुनाव में अमृतसर में हार के बाद भी अरुण जेटली को सरकार में शामिल किया गया था, उसी प्रकार मनोज सिन्हा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। बाद में राज्यसभा के जरिये उन्हें संसद का सदस्य बनाया जा सकता है।