UP राज्य सूचना आयोग: दो आयुक्तों के बीच जारी है टकराव !

Update: 2017-07-21 08:30 GMT
UP राज्य सूचना आयोग: दो आयुक्तों के बीच जारी है टकराव !

राजकुमार उपाध्याय

लखनऊ: यूपी के राज्य सूचना आयोग में तैनात तेजस्कर पांडेय, उपसचिव की प्रतिनियुक्ति को लेकर घमासान मचा है। इसको लेकर दो आयुक्त आमने-सामने आ गए हैं। मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी चाहते हैं कि उपसचिव की तैनाती अवधि बढाई जाए। इसके लिए उन्होंने सरकार को पत्र भी लिखा।

दूसरी ओर, राज्य सूचना आयुक्त एसएचए रिजवी नियम विरुद्ध प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाए जाने के प्रकरण में दर्ज शिकायत की सुनवाई कर रहे हैं। लेकिन रिजवी अभी किसी नतीजे पर पहुंच पाते, उससे ठीक पहले उस्मानी ने बतौर मुख्य सूचना आयुक्त उनकी सुनवाई पर रोक लगा दी है। यही कारण है, कि दोनों आयुक्तों के बीच टकराव के हालात खड़े हो गए हैं।

प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाने की मांग

दरअसल, तेजस्कर पांडेय को साल 2012 में हथकरघा एवं वस्त्रोदयोग विभाग से प्रतिनियुक्ति पर राज्य सूचना आयोग में उप सचिव के पद पर तैनात मिली। नियमों के मुताबिक, वह अपनी प्रतिनियुक्ति की अधिकतम पांच साल की समय सीमा भी पूरी कर चुके हैं। उनके मूल विभाग ने पांडेय की वापसी के लिए पत्र भी लिखा। पर उससे पहले जावेद उस्मानी ने प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोदयोग मुकुल सिंघल को पत्र लिखकर अपनी मंशा जाहिर कर दी। कहा, कि आयोग में उप सचिव स्तर का अधिकारी नहीं है। इसलिए पांडेय की प्रतिनियुक्ति अवधि तीन साल के लिए और बढाई जाए।

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आग में घी का काम किया

उधर, पांडेय की प्रतिनियुक्ति से जुड़ी सूचनाओं की अपील आयोग में पहले से पेंडिंग थी। उस्मानी के पत्र की सुगबुगाहट ने आग में घी का काम किया। आरटीआई बार एसोसिएशन के वकीलों ने इस अनियमितता की शिकायत दर्ज कराई और राज्य सूचना आयुक्त एसएचए रिजवी ने इसकी सुनवाई भी शुरू कर दी। उन्होंने बीते 13 जुलाई को प्रमुख सचिव को पत्रावली के साथ आयोग में तलब किया।

विशेष सचिव ने लिखा पत्र, उस्मानी ने लगायी रोक

अब जब प्रमुख सचिव हथकरघा मुकुल सिंघल को आयोग में तलब किया गया, तो अफसर हरकत में आ गए। हथकरघा एवं वस्त्रोदयोग विभाग के विशेष सचिव सुखलाल भारती ने मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी को पत्र लिखकर गुजारिश की कि इस वाद की सुनवाई वह अपने कक्ष में निर्धारित करने का कष्ट करें। उस्मानी ने इसका संज्ञान लेते हुए आनन-फानन में रिजवी की सुनवाई पर रोक लगा दी और उनसे पत्रावली सहित आख्या भी मांग ली। इससे दोनों आयुक्तों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

 

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