Lucknow News: यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने प्रबंध निदेशकों को लिखा पत्र, जताई नाराजगी

Lucknow News: चेयरमैन ने उपभोक्ताओं को सही मीटर रीडिंग वाले बिल न मिलने, उपभोक्ताओं को सही बिल न मिलने और कहीं-कहीं धन उगाही की शिकायत भी मिलने की बात कही है।

Update: 2023-03-31 17:29 GMT

Lucknow News: यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम देवराज ने प्रबंध निदेशक पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी, लखनऊ, आगरा, मेरठ एवं केस्को- कानपुर को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने उपभोक्ताओं की शिकायतों पर सुनवाई न होने पर नाराजगी जताई है। साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान करने को कहा है। उन्होंने कहा, उपभोक्ताओं की समस्या न सुनने वालों पर कार्यवाई होगी। यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उन्होंने पत्र लिखकर चेतावनी जारी की है।

उपभोक्ताओं से मिल रही हैं इस तरह की शिकायतें

पत्र में कहा गया है कि उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर देने हेतु कई बार स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं, परन्तु अभी भी इस प्रकार की शिकायत मिल रही है कि उपभोक्ताओं को रीडिंग आधारित बिल प्राप्त नहीं हो रहें हैं, बिल नियमित रूप से हर माह प्राप्त नहीं होते हैं, बिल की धनराशि अत्याधिक है आदि। यह भी शिकायत प्राप्त हो रही है कि बिल रिवीजन के प्रकरणों में भी समय से कार्यवाही नहीं की जाती है और उपभोक्ताओं को अनावश्यक भागदौड़ करनी पड़ रही है और कहीं-कहीं यह भी शिकायत मिल रही है कि कि इसके लिए उपभोक्ताओं से धन उगाही की जा रही है। यह स्थिति चिन्ताजनक है।

लापरवाही पड़ेगी भारी

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि मीटर रीडिंग का कार्य निजी एजेंसी से कराये जा रहे हैं, परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि स्थानीय अवर अभियन्ता, सहायक अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता की कोई जिम्मेदारी नहीं है। यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि उपभोक्ताओं को समय से सही बिल देने की पूर्ण जिम्मेदारी अवर अभियन्ता, सहायक अभियन्ता और अधिशासी अभियन्ता की है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही अथवा कमी पाये जाने पर मीटर रीडर/बिलिंग ऐजेंसी के साथ-साथ अवर अभियन्ता, सहायक अभियन्ता और अधिशासी अभियन्ता की जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है।

बिल रिवीजन की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाते हुए व्यवस्था की गयी है कि जो भी बिल रिवीजन के मामले हों वह ऑनलाइन ही हों और यदि कोई उपभोक्ता ऑनलाइन के माध्यम से बिल रिवीजन की शिकायत दर्ज नहीं करा पाते हैं तो उनकी लिखित शिकायत प्राप्त होने पर सम्बन्धित खण्ड के अधिकारी के द्वारा उसे ऑनलाइन दर्ज कराते हुए आगे की कार्यवाही की जाये। यह देखने में आ रहा है कि अभी भी कई खण्डों में पूर्व की भांति बिल रिवीजन की कार्यवाही (डब्लूएसएस में बिना पंजीकृत कराते हुए) ऑफलाइन की जा रही है। इसे भी समाप्त करते हुए पूर्व के निर्देशानुसार बिल रिवीजन की कार्यवाही ऑनलाइन के माध्यम से और समय से कराई जाये और जिन प्रकरण में बिल रिवीजन की कार्यवाही की जा रही है वहाँ पर यह भी देखना होगा कि बिल रिवीजन की आवश्यकता क्यों पड़ी। ऐसे प्रकरणों में उत्तरदायित्व निर्धारण करते हुए कार्यवाही की जाये। मैं चाहूंगा कि आपके स्तर पर मीटर रीडिंग एवं बिलिंग के विषय को गम्भीरता से लिया जाये ताकि उपभोक्ताओं को शिकायत करने की आवश्यकता न पड़े। इसमें किसी प्रकार शिथिलता किसी भी स्तर पर क्षम्य नहीं होगी।

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