लखनऊ: आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी नैया को पार लगाने में जुटे पीके के फोर्मुले पर अब आलाकमान अमल करना शुरू कर दिया है। मधुसूदन मिस्त्री को हटाकर मुस्लिम चेहरे गुलाम नबी आजाद को यूपी का प्रभारी बनाए जाने के बाद अब कांग्रेस किसी ब्राह्मण चेहरे की तलाश में है।
जानकारों की मानें तो कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में किसी ब्राह्मण चेहरे को आगे लाकर चुनाव में उतरने का प्लान कर रही है। इसके लिए पार्टी कई चेहरों पर विचार भी कर रही है।
शीला दीक्षित भी दौर में
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसके लिए शीला दीक्षित के साथ-साथ जितिन प्रसाद के साथ अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है। लेकिन युवा जितिन प्रसाद के लिए यूपीसीसी में ही विरोध की संभावनाए हैं।
सवर्ण पर कांग्रेस की नजर
ज्ञात हो कि आगामी विधानसभा चुनाव में ज्यादातर पॉलिटिकल पार्टीज ओबीसी और दलितों के वोट पर ही ज्यादा फोकस कर रही है। इससे सवर्ण जातियां खुद को उपेक्षित महसूस रही हैं। कांग्रेसी नेताओं की मानें तो ऐसे में पीके की नज़र इन्हीं वोटों पर है।
मुसलमान वोटर पर भी पैनी नजर
कांग्रेसी नेताओं की मानें तो पीके इन्हीं अगड़ी जातियों और मुसलमानों को साथ लाकर कांग्रेस के खोए जनाधार को वापस लाना चाहटी है। इसकी शुरुआत आलाकमान ने गुलाम नबी आजाद को यूपी का प्रभारी बनाकर कर दी है। ऐसे में देखना यह है कि आलाकमान आगे चलकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में और क्या परिवर्तन करने वाली हैं।