Cabinet Minister Death: उत्तराखंड सरकार में मंत्री चंदन राम दास का निधन, तीन दिन का राजकीय शोक घोषित

Cabinet Minister Death: राज्य में सभी सरकारी दफ्तरों में तिरंगे आधे झुके रहेंगे। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। जानकारी के मुताबिक, जिस जिले में उनका अंतिम संस्कार होगा, वहां के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। फिलहाल उनके अंतिम संस्कार की तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

Update:2023-04-26 21:16 IST
chandan ram das (Photo-Social Media)

Cabinet Minister Death: उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास का बुधवार को अचानक निधन हो गया। बागेश्वर सीट से बीजेपी विधायक दास लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आज अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें अल्मोड़ा से बागेश्वर जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन के बाद राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

राज्य में सभी सरकारी दफ्तरों में तिरंगे आधे झुके रहेंगे। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। जानकारी के मुताबिक, जिस जिले में उनका अंतिम संस्कार होगा, वहां के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। फिलहाल उनके अंतिम संस्कार की तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

उत्तराखंड सीएम ट्वीट कर जताया शोक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कैबिनेट साथी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी श्री चंदन राम दास जी के आकस्मिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति:
https://twitter.com/pushkardhami/status/1651143074859581441?cxt=HHwWgoDQpZz4hOotAAAA

चंदन राम दास के पास थे दो विभाग

चंदन राम दास की गिनती बागेश्वर के कद्दावर भाजपा नेताओं में होती थी। वह बागेश्वर सीट से लगातार चार बार विधायक चुने गए। वर्तमान में उत्तराखंड कैबिनेट में उनके पास परिवहन और समाज कल्याण जैसे दो अहम विभाग थे। उन्होंने अपना सियासी करियर 4 दशक पहले शुरू किया था। 1997 में वह बागेश्वर नगरपालिका के निर्दलीय अध्यक्ष बने थे।

दास छात्र राजनीति में भी एक्टिव थे और उन्होंने हल्द्वानी के एमबी डिग्री कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव जीता था। बीजेपी में उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल भगत सिंग कोश्यारी के नजदीकी के पर देखा जाता था क्योंकि उन्होंने ही चंदन राम दास को साल 2006 में बीजेपी ज्वाइन कराई थी।

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