यहां महाश्मशान की राख से खेली जाती है सबसे अनोखी होली

होली और वो भी शमशान की होली ये रंग तो काशी में ही देखने को मिलेंगे हर ओर चिता राख और उस राख से अपने जीवन को सफल बनाने की कामना से भक्त मणिकर्णिका महाशमशान पर पहुंचकर होली खेल रहे हैं।

Update: 2020-03-06 14:31 GMT

वाराणसी: होली का त्यौहार आने वाला है पूरे देश में होली खेलने का ढंग बिल्कुल अनोखा और निराला होता है। कुछ ऐसा ही होली का नज़ारा भोलेनाथ की कशीनगरी वाराणसी में देखने को मिलता है। होली के रंग तो आपने बहुत से देखे होंगे लेकिन भोलेनाथ की नगरी काशी में अनोखी होली की शुरुआत हो चुकी है भक्त महाश्मशान पर पहुंचकर चिताभस्म से होली खेल रहे हैं।

मणिकर्णिका महाश्मशान की होली

होली और वो भी महाश्मशान की होली ये रंग तो काशी में ही देखने को मिलेंगे हर ओर चिता राख और उस राख से अपने जीवन को सफल बनाने की कामना से भक्त मणिकर्णिका महाश्मशान पर पहुंचकर होली खेल रहे हैं।

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जलती चिता के बीच होली का अद्भुत स्वरूप

स्थानीय निवासी गुलशन कपूर ने बताया कि इस जन्म से मुक्ति और महादेव की भक्ति कर मोक्ष प्राप्ति का अनोखा स्वरूप काशी में ही देखने को मिलता है। रंग भरी एकादशी के दूसरे दिन काशी के महाश्मशान पर ये होली खेली जाती है और देसी विदेशी सभी महादेव के रंग में रंगकर रह जाते हैं। डमरू बजते हैं डीजे बजता है और जलती चिता के बीच होली का ये अद्भुत स्वरूप देखने को मिलता है।

यही नहीं यहां आने वाले विदेशी पर्यटक भी इस अनोखी होली का भरपूर आनंद उठाते हैं एक विदेशी पर्यटक से जब हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने कहा कि शंकर की नगरी में होली का अद्भुत स्वरूप देखने को मिल रहा है।

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