UP Lok Sabha Election: काशी में कौन देगा PM मोदी को चुनौती, अजय राय और राजेश मिश्रा के नाम चर्चाओं में

UP Lok Sabha Election 2024: अजय राय का कहना है कि वाराणसी संसदीय सीट के प्रत्याशी के बारे में पार्टी हाईकमान आखिरी फैसला लेगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-02-22 11:09 IST

UP Lok Sabha Election 2024  (photo: social media )

UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में आखिरकार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है। लोकसभा सीटों को लेकर चल रही खींचतान पर पूर्णविराम लगने के बाद अब सियासी तस्वीर भी साफ हो गई है। सीट बंटवारे में सपा का पलड़ा भारी रहा है। सपा के हिस्से में 63 सीटें गई हैं जबकि कांग्रेस 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन के मुताबिक देश की सबसे चर्चित सीटों में शुमार काशी में अब कांग्रेस को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।

हालांकि सपा ने वाराणसी संसदीय सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था मगर अब कांग्रेस की ओर से अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया जाएगा। कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद राजेश मिश्रा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का नाम चर्चाओं में है। अजय राय का कहना है कि वाराणसी संसदीय सीट के प्रत्याशी के बारे में पार्टी हाईकमान आखिरी फैसला लेगा।

काशी क्यों है सबसे चर्चित सीट

सपा और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन में जिन 17 सीटों को कांग्रेस को देने का फैसला किया गया है, उनमें वाराणसी संसदीय क्षेत्र भी शामिल है। वाराणसी संसदीय सीट को देश की सबसे चर्चित सीटों में गिना जाता है क्योंकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीता था। तमाम कोशिशों के बावजूद विपक्षी दलों की ओर से दोनों चुनावों में पीएम मोदी की मजबूत घेरेबंदी नहीं की जा सकी और प्रधानमंत्री मोदी ने आसानी से विपक्षी उम्मीदवारों को भारी मतों से हराया।

इस बार भी पीएम मोदी का लड़ना तय

हालांकि अभी तक भाजपा ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी कोई भी सूची नहीं जारी की है मगर वाराणसी संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। पीएम मोदी के जरिए भाजपा आसपास की सीटों के साथ ही उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरण को साधने की कोशिश करेगी।

यदि भाजपा की ओर से इस बार भी पीएम मोदी को इस संसदीय सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा गया तो विपक्ष के लिए उनको चुनौती देना फिर काफी मुश्किल साबित होगा।

सपा ने घोषित कर दिया था अपना प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पहले प्रदेश के पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल को वाराणसी संसदीय सीट से सपा का प्रत्याशी घोषित किया था। अब वाराणसी संसदीय सीट कांग्रेस के कोटे में जाने के बाद सपा खेमे में मायूसी दिख रही है। सपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए गए सुरेंद्र पटेल पहले से ही इस संसदीय क्षेत्र में अपनी तैयारी में जुटे हुए थे।

पार्टी की ओर से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद उन्होंने बैठकों का सिलसिला भी शुरू कर दिया था। बुधवार की सुबह से ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के साथ संवाद का सिलसिला भी शुरू कर दिया था मगर अब उन्हें चुनावी दौड़ से हटना होगा। सुरेंद्र पटेल का कहना है कि गठबंधन का सम्मान करते हुए वे पार्टी के आदेश का पालन करेंगे।

पूर्व सांसद राजेश मिश्रा का नाम चर्चाओं में

वाराणसी संसदीय सीट कांग्रेस कोटे में जाने के बाद इस सीट पर पार्टी के भावी प्रत्याशी को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के पहले बलिया संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं मगर बलिया सीट को समाजवादी पार्टी ने अपने पास ही रखा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अब कांग्रेस की ओर से अजय राय को वाराणसी संसदीय सीट से चुनावी अखाड़े में उतर जा सकता है।

अजय राय के साथ ही पूर्व सांसद राजेश मिश्रा का नाम भी चर्चाओं में है। राजेश मिश्रा ने 2004 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार शंकर प्रसाद जायसवाल का विजय रथ रोकते हुए कांग्रेस का झंडा बुलंद किया था। हालांकि 2009 में भाजपा प्रत्याशी मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ उनकी जमानत जब्त हो गई थी। इसके बाद राजेश मिश्र ने वर्ष 2019 में सलेमपुर लोकसभा सीट और इससे पहले वर्ष 2017 में शहर दक्षिणी और वर्ष 2022 में कैंट विधानसभा से भी चुनाव लड़ा था मगर इन तीनों चुनावों में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

अजय राय भी सीट पर मजबूत दावेदार

दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का नाम भी चर्चाओं में है। कांग्रेस ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर अजय राय को मैदान में उतारा था। कांग्रेस से अजय राय को भी मजबूत प्रत्याशी के रूप में देखा जा रहा है।

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अजय राय तीसरे नंबर पर रहे थे मगर उन्होंने दमदारी से चुनाव लड़ने की कोशिश की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी वाराणसी से चुनाव लड़े थे और उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया था।

2014-2019 में पीएम मोदी की शानदार जीत

वाराणसी सीट पर 2014 में हुए चुनाव में पीएम मोदी को 5,81,022 वोट मिले थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से हराया था। केजरीवाल को 2,92, 238 मत मिले थे। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय तीसरे नंबर पर रहे थे।

वाराणसी में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। उन्हें 6 लाख 74 हजार 664 वोट मिले थे जबकि नामांकन के बाद वे एक बार भी चुनाव में प्रचार के लिए काशी नहीं आए थे।

इसके बावजूद वाराणसी के मतदाताओं ने उन्हें भारी मतों से जिताया। समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव 1,95,159 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही थीं। शालिनी यादव अब भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।

पार्टी हाईकमान लेगा फैसला

2019 के लोकसभा चुनाव में भी अजय राय तीसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें 1,52,548 वोट हासिल हुए थे। अब अजय राय का नाम एक बार फिर चर्चाओं में है। अजय राय का कहना है कि वाराणसी संसदीय सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा, इसका फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है। पार्टी ने मुझे प्रदेश की बागडोर सौंपी है और हाईकमान के फैसले के मुताबिक आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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