नसबंदी में महिलाओं ने दिखाई जागरूकता, पुरुषों के ठिठके कदम

Update: 2017-11-20 23:12 GMT

बहराइच : जिले में जनसंख्या नियंत्रण की जिम्मेदारी सिर्फ आधी आबादी निभा रही है। वहीं पुरुष संकोचवश या अनचाहे डर के कारण न के बराबर आगे आए हैं। तीन साल में 8 हजार 384 महिलाओ ने नसबंदी कराई है। जबकि पुरुषों का आंकड़ा महज 58 का है। इस पर डीएम अजयदीप सिंह ने कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रदेश के औसत आंकड़े की पूर्ति करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में 21 नवंबर से चार दिसंबर तक पुरूष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाएगा।

जिलाधिकारी अजय दीप सिंह ने खंड विकास अधिकारियों को इस अभियान में ग्राम प्रधानों का सहयोग लेने का निर्देश दिया है। कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत से दो पुरुषों की नसबन्दी के केस अवश्य होना चाहिये। सभी ब्लाकों पर 21 से 27 नवंबर के बीच ग्राम प्रधानों की बैठकें आयोजित कर उन्हें प्रेरित किया जाए। कहा कि प्रत्येक लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि के रूप में तीन हजार तथा प्रेरक को चार सौ रुपये मिलेंगे।

इस मौके पर सीएमओ डा. एके पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में जहां प्रत्येक 60 महिला नसबंदी पर एक पुरूष की नसबंदी होती है, वहीं जिले का अनुपात 80 महिला पर एक पुरूष का है। बताया कि वर्ष 2014-15 में 2126 महिला नसबंदी पर दो पुरूष, वर्ष 2015-16 में 2384 महिला नसबंदी पर सात पुरूष तथा वर्ष 2016-17 अन्तर्गत 3884 महिला नसबंदी पर 49 पुरूषों की नसबंदी हुई है। इस अवसर पर जिला परिवार नियोजन विषेशज्ञ कमलेश कुमार सहित अन्य अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे।

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