इलाहाबाद: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पीजीएटी और सीआरईटी को लेकर छात्रों ने कर्मचारियों समेत वीसी को उनके ऑफिस में 5 घंटे तक बंधक बनाए रखा। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की पहल के बाद दोनों पक्षों में वार्ता हुई। इसके बाद वीसी आफिस के ताले खुले।
इस मामले में स्टूडेंट यूनियन प्रेसीडेंट रिचा सिंह समेत प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। सभी के खिलाफ अनुशासन तोड़ने में कार्रवाई तय मानी जा रही है।
वीसी को किया कैद
-एयूएसयू की अध्यक्ष ऋचा सिंह के नेतृत्व में लगभग दो सौ स्टूडेंट सोमवार की सुबह ग्यारह बजे वीसी आफिस पहुंचे और नारेबाजी करने लगे।
-वीसी के पहुंचने पर छात्रों ने उनका घेराव कर दिया। पुलिस ने छात्रों से बचाकर वीसी को उनके आफिस में पहुंचाया।
-इससे नाराज छात्रों ने दोपहर लगभग बारह बजे वीसी आफिस के बाहरी दरवाजों में ताले लगा दिए जिससे वीसी और कर्मचारी अंदर कैद हो गए।
-यूनिवर्सिटी के सलाहकार प्रो. माताम्बर तिवारी छात्रों से बात करने पहुंचे तो उन्हें चूड़ियां दिखाते हुए वापस जाने के लिए कहा गया।
-पांच बजे एडीएम सिटी विपिन मिश्र की मध्यस्थता में वीसी और छात्रों की वार्ता हुई और आंदोलन खत्म हुआ।
जांच के बाद फैसला
-वीसी और छात्रों के बीच हुई वार्ता में यह तय हुआ कि, छात्र 2 दिन के अंदर परीक्षाओं में अनियमितता के सुबूत एयू प्रशासन को देगें।
-इसके बाद एयू की जांच कमिटि 4 दिन में सुबूतों की जांच करेगी। 14 जुलाई को कमेटी और छात्रों की मीटिंग के बाद तय होगा कि प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो या परीक्षा रद्द की जाए।
-परीक्षा निरस्त करने या रिजल्ट जारी करने पर निर्णय एयू प्रशासन, छात्रों और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की संयुक्त वार्ता के बाद लिया जाएगा
-बातचीत के बाद छात्रों ने लंबे समय से चल रहा अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।