Sonbhadra News: दुष्कर्म के आरोपी को मिली कठोर सजा, शौच के लिए गई महिला को बनाया था शिकार, मिली 10 वर्ष की कैद

Sonbhadra Crime News: ये घटना 19 फरवरी, 2019 की शाम सात बजे वह की थी। जब महिला शौच के लिए गई थी।

Published By :  Monika
Update:2021-09-28 19:26 IST

Sonbhadra News: घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में शौच के लिए जाती महिला से दुष्कर्म (mahila se dushkarm) करने के मामले में दोषी को दस वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मामला ढाई वर्ष पहले का है। मंगलवार को यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम वीरेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में पारित किया गया। अदालत ने मामले में दोषसिद्ध पाए गए पिंटू को दस वर्ष की कैद के साथ तीस हजार रुपये के अर्थदंड की भी सजा सुनाई। अर्थदंड (fine) अदा न करने की दशा में एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की 25 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दी जाएगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित रहेगी।

घटना के मुताबिक़ घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की पीड़ित महिला ने घोरावल थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 19 फरवरी, 2019 की शाम सात बजे वह शौच के लिए गई थी। रास्ते में आरोपी पिंटू साइकिल लेकर खड़ा था, जिसने उसे जबरन पकड़ लिया और उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। शोर मचाने पर वहां उसके पति सहित कई लोग आ गए। यह देख पिंटू साइकिल छोड़कर जंगल की तरफ भाग गया। जाते वक्त उसने गाली और धमकी भी दी। -

कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई थी एफआईआर

मामले में कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, तब एफआईआर दर्ज हुई थी। अभियोजन कथानक के मुताबिक पीड़िता ने इसकी मौखिक जानकारी घटना के दूसरे दिन थाने पर जाकर दी थी। तब वहां मौजूद दरोगा ने कहा था कि जांच करके कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।

एसपी से गुहार लगाने के बाद पीड़िता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट से दिए गए आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्ज शीट दाखिल की। इसके बाद मामले के आरोपी घोरावल कोतवाली क्षेत्र के रेही गांव निवासी पिंटू के खिलाफ अदालत में सुनवाई शुरू हुई। अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पिंटू को 10 वर्ष की कैद और 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की जो धनराशि जमा होगी उसकी 25 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दी जाएगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित रहेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से अभियोजन अधिकारी प्रज्ञानंद शर्मा ने मामले की पैरवी की।

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