Lucknow Crime: जागरण में बेचने के लिए फूल लेने जा रहे थे दो दोस्त, कार की टक्कर से गई जान
Lucknow Crime: मृतक की मां गौरी निषाद ने रविवार को महानगर थाने में दी गई शिकायत में बताया कि बीती रात उनके मोहल्ले में जागरण का आयोजन था।
Lucknow Crime: राजधानी लखनऊ में तेज रफ्तार का कहर दो दोस्तों पर काल बनकर टूटा है। बीती देर रात देवी जागरण में दुकान लगाने के लिए फूल लेने जा रहे दोस्तों को महानगर थाना क्षेत्र के नटबीर बाबा मंदिर के पास तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। हादसे में न्यू हैदराबाद निवासी प्रेम निषाद (22) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है। जबकि उसके दोस्त मृत्युन्जय शुक्ला उर्फ पार्थ शुक्ला को चिकित्सकों ने KGMU में मृत घोषित कर दिया। रविवार को मृतक प्रेम की माँ गौरी निषाद की तहरीर पर महानगर थाने में केस दर्ज किया गया है। आरोपी कार चालक केजीएमयू का डॉक्टर वैभव अग्रवाल बताया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
मृतक की मां गौरी निषाद ने रविवार को महानगर थाने में दी गई शिकायत में बताया कि बीती रात उनके मोहल्ले में जागरण का आयोजन था। उन्होंने वहीँ पर दुकान लगाई हुई थी। दुकान पर बेचने के लिए उन्होंने बेटे प्रेम निषाद (22) को फूल खरीदने के लिए भेजा था। प्रेम अपने निशातगंज निवासी दोस्त मृत्युन्जय शुक्ला उर्फ़ पार्थ के साथ फूल लेने के लिए बाइक से जा रहा था। वह नटबीर बाबा मंदिर के पास पहुंचा था कि इसी बीच हनुमान सेतु मंदिर की तरफ से आ रही तेज रफ्तार टाटा जेस्ट कार संख्या UP 54 U 0269 ने दोनों की बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना जबरदस्त था कि दोनों छिटककर दूर जा गिरे। सिर में गंभीर चोट लगने से प्रेम की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृत्युन्जय को KGMU पहुँचाया। जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कार में सवार था नशे में धुत कपल
हादसा इतना जोरदार था कि उसकी आवाज से आसपास के लोग भी अपने घरों से तुरंत सड़क पर आ गए। लोगों ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी की कार के परखचे उड़ गए। बाइक भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। लोगों ने कहा कि कार में सवार लड़की और लड़के भयंकर नशे में थे। दोनों मौके से खुद ही चौकी पर भाग गए। आरोप है कि यहां से पुलिस ने लड़की को भगा दिया। वहीं, रविवार को मृतक प्रेम की माँ गौरी की तहरीर पर महानगर थाने में 106/281/125(बी)/324(4) में केस दर्ज किया गया है।
घर का सहारा था पार्थ, प्रेम भी करता था पिता के साथ काम
रविवार को बातचीत के दौरान परिवार ने बताया कि मृत्युन्जय शुक्ला उर्फ पार्थ के पिता की 12 साल पहले गोमती में डूबने से मौत हो चुकी है। तब से उसके बाबा परिवार चला रहे हैं। अब पार्थ ने घर का खर्च उठाना शुरू किया था। बाबा के बाद वही अपने घर का सहारा था। उसकी मौत से घर में रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उधर प्रेम भी अपने पिता के साथ मजदूरी कर घर संभालता था।