मारहरा विस क्षेत्र के भाजपा विधायक वीरेंद्र लोधीः चाय-पानी पिलाते, नेता बन गया
जनसेवा ही मेरा सबसे खुशी का पल है। मुझे जो दायित्व मिला है। वह मेरा सौभाग्य है जनता की सेवा करूँगा। मै जब चुनाव जीता 3 माह बाद मेरे पिता वृन्दावन सिंह की मृत्यु हो गयी वह 80 वर्ष के थे। वह तीन बार ग्राम प्रधान भी रहे। में उनकी सेवा नहीं कर सका। वही दुख रहा।
सुनील मिश्रा
एटा जनपद की मारहरा विस क्षेत्र के भाजपा विधायक वीरेंद्र लोधी भारतीय जनता पार्टी के जमीन से जुड़े कार्यकर्ता रहे हैं। विद्यार्थी जीवन में पार्टी कार्यालय में आगंतुकों को चाय पानी पिलाने तक का कार्य किया।अपने लिए साधारण सी नौकरी की चाह रखने वाले वीरेंद्र लोधी को एक अदद नौकरी नहीं मिली तो ट्यूशन पढ़ाने का काम किया। लेकिन साथ साथ भाजपा में संगठन की सीढियां भी चढ़ते गए और आज विधायक हैं। इन्होंने गरीबी को बहुत करीब से देखा है इसलिए जनता के दुख दर्द और तकलीफों को समझते हैं। प्रस्तुत हैं न्यूजट्रैक/अपना भारत की वीरेंद्र लोधी से हुई बातचीत के अंश।
प्रश्न राजनीति में कैसे आये
मारहरा विधायक वीरेंद्र लोधी ने बताया कि जब मैं छोटा था हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। मैं एटा में एक 150 रुपये में कमरा लेकर महाराणा प्रताप नगर में रहता था। गरीबी के कारण मेरे पास एक स्टोव, चारपाई तथा कुछ अन्य सामान ही था। स्वयं अपना खाना बनाकर खाता था।
वह बताते हैं कि वह 1994 में जब एटा के जे एल एन डिग्री कालेज से बीए की पढ़ाई कर रहे तब उन्हें जब समय मिलता था तब वह भाजपा कार्यालय जाकर चुपचाप कमरे के गेट के पास बैठ जाते थे और वहां आने व जाने वाले नेताओं की बात चीत सुनते थे और अपने कमरे पर वापस आ जाते थे।
यह क्रम महीनों चला मेरी अंदर जाने की हिम्मत नहीं होती थी। एक दिन भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष संदीप जैन ने मुझे बुलाकर पूंछा कि तुम यहां आने वालों को पानी पिला दिया करोगे तो मैंने यह काम खुशी खुशी स्वीकार कर लिया।
इसके बाद मैं लोगों को कार्यालय में आने वालों को पानी पिलाकर उनकी सेवा करने लगा। जिससे मुझे अन्दर से काफ़ी खुशी मिलती थी। फिर हमें लोगों को बाजार से चाय लाकर पिलाने का भी कार्य मिल गया लोगों के साथ हमें भी चाय पीने को मिलने लगी।
नेता नाम पड़ गया
उसके बाद हमें कार्यालय की साफ सफाई व अन्य व्यवस्थाओं का भी जिम्मेदारी मिल गयी मुझे सभी नेता नाम से जानने लगे मेरे काम से प्रसन्न होकर मुझे 1994 में युवा मोर्चा का महांमंत्री बनाया गया।
उसके बाद लोकसभा चुनाव आने वाले थे भाजपा ने मानव दीवार सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन पाकिस्तान के बॉर्डर स्थित जम्बू के पुंछ सैक्टर में किया गया उस समय युवा मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष उमाभारती थीं।
एटा से भी एक बस जम्मू पुंछ के लिए जानी थी पाकिस्तान का बॉर्डर होने तथा जान का खतरा होने के कारण सभी जानेवालों से एक एफिडेविट भी लिया गया कि अगर हमारे साथ कोई घटना होती है तो उसके जिम्मेदार हम स्वयं होगे।
बस की जिम्मेदारी मुझे मिली एटा से भी बस पहुंची और सभी ने मानव श्रंखला बना कर एक दूसरे का हाथ पकड़ कर उसमें भाग लिया। उसके बाद से हम भाजपा में शामिल होकर ईमानदारी से आज तक जन सेवा कर रहे हैं।
भाजपा के प्रति ईमानदारी से समर्पित होकर
मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी पढाई भी ठीक से नहीं हो पा रही थी। मैंने एक आगरा में एक प्राइवेट नौकरी का विज्ञापन अखबार में पढा प्राईवेट कर्मचारी चाहिए उस समय आगरा का किराया 11 रुपये लगता था वह भी मेरे पास नहीं थे। मै किराये की व्यवस्था करके आगरा गया। किन्तु नौकरी नहीं मिली। मैं मायूस होकर एटा वापस लौट आया। मुझे नौकरी की बहुत आवश्यकता थी।
फिर मुझे पता चला कि एटा में एक पेट्रोल पंप पर एक सेल्स मैन की आवश्यकता है। मै पम्प के मालिक के पास गया उन्होंने मुझे तीन सवाल करने के लिए दिए में सिर्फ दो सवाल ही सही कर सका एक सवाल गलत हो गया।
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उन्होंने मुझे नौकरी पर नहीं रखा में उनके सामने खूब गिड़गिड़ाया और कम पैसे में भी काम करने को तैयार हो गया। नौकरी न मिलने से मुझे काफी ठेस पहुंची। इतना सब करने के बाद मैंने ट्यूशन पढाने का निर्णय लिया और मैंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाई ट्यूशन से में 1500 रूपये महीना कमाने लगा। इन पैसों से मेरा व मेरी पढ़ाई का खर्च चलने लगा शेष बचे समय में भाजपा कार्यालय जाकर वहां आने वालों की से सेवा करने लगा। मै तो सिर्फ अपने लिये छोटी-सी नौकरी करना चाहता था किंतु मुझे वह भी नहीं मिली।
महंगे चुनाव
सरकार को चुनाव में होने वाले खर्च पर रोक लगाने के लिए कानून बनाना चाहिए जिससे चुनाव में अधिक खर्च करके चुनाव लड़ने वालों पर रोक लग सके सामान्य ईमानदार लोग भी चुनाव लड़ सकें जो महंगे चुनाव होने के कारण चुनाव नहीं लड़ पाते हैं। सरकार को स्वयं चुनाव अपने खर्च पर लड़ाना चाहिए ।
चुनाव सुधार
जनप्रतिनिधि सिर्फ साधारण विकास करा सकता है। क्षेत्र के विकास के लिए सरकार को जनता व जनप्रतिनिधि की राय भी लेनी चाहिए
सरकार स्वयं चुनाव लडाये।
बढती अपेक्षायें
मोदी जी के कार्यकाल में आई टी के क्षेत्र में मोबाइल कम्प्यूटर आदि बढ़ा है जो कार्य पिछले 6 वर्षों में हुआ वह 60 सालों में भी नहीं हुआ विकास से अपेक्षाएँ बढ रही है व्यक्तिगत अपेक्षायें बढ़ रही है हर व्यक्ति की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया जा सकता है। जन प्रतिनिधि साधारण विकास करा सकता है। जनता की सार्वजनिक समस्याओं का समाधान किया किया जा सकता है। सार्वजनिक विकास कार्यों की जनता के बीच चर्चा होनी चाहिए।
खुशी व दुख का पल
जनसेवा ही मेरा सबसे खुशी का पल है। मुझे जो दायित्व मिला है। वह मेरा सौभाग्य है जनता की सेवा करूँगा। मै जब चुनाव जीता 3 माह बाद मेरे पिता वृन्दावन सिंह की मृत्यु हो गयी वह 80 वर्ष के थे। वह तीन बार ग्राम प्रधान भी रहे। में उनकी सेवा नहीं कर सका। वही दुख रहा। समाज सेवा के अलावा मेरी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है में लोगों के बीच रहना पसंद करता हूँ। फिर भी अगर समय मिले तो पुस्तकों का अध्ययन करना पसंद करूंगा।
भाजपा के संगठन में आंतरिक लोकतंत्र कायम है। बाकी दलों में सिर्फ दिखावा है। भाजपा आंतरिक लोकतंत्र में विश्वास रखती है। बाकी राजतंत्र की तरह काम करते हैं। शेष में परिवार बाद व राजतंत्र हावी है।
उपलब्धियां
अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को बताते हुए मारहरा विधानसभा क्षेत्र 105 से भाजपा विधायक वीरेंद्र लोधी ने बताया कि मैने अपनी विधानसभा क्षेत्र के लिए माननीय कल्याण सिंह व राजवीर सिंह राजू भईया के आशीर्वाद से राजकीय मैडिकल कालेज, पालीटेक्निक कालेज, आई टी आई कालेज, पर्यटन केंद्र (बडे प्रोजेक्ट) लेकर आए। साथ ही मारहरा नगर पालिका का सीमा विस्तार, मिरहची ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाये जाने के लिए प्रयास रत।
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विधायक निधि मददगार भी है और समस्या भी। इससे ईमानदारी से काम करने बालों पर भी आरोप प्रत्यारोप लगते हैं। नौकरशाही की अगर सहयोगात्मक भूमिका रहे तो जन समस्याओं का आसानी से निस्तारण हो सकता है। अगर रवैया सहयोगात्मक न हो तो यह समस्या है। पर अधिकारीयों में सहयोगात्मक रवैया कम देखने को मिलता है।