महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में कांशीराम कॉलोनी में रहने वाले 11 साल के बच्चे आरिफ की हत्या का खुलासा हो गया है। इस खुलासे के साथ ही पुलिस को एक ऐसे अवैध असलहों के कारोबार की जानकारी मिली है जिसमें नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल किया जाता था।
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पुलिस ने किया आरिफ की हत्या का खुलासा
-पुलिस ने आरिफ की हत्या का खुलासा कर दिया है। इस मामले में हत्यारोपी दो नाबालिग बच्चे हैं।
-साथ ही पुलिस को पता चला कि यह हत्या एक अवैध असलहों के कारोबारी शमसाद के कहने पर की गई है।
-पुलिस ने दोनों नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि कारोबारी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
-आरोपियों के पास से एक 32 बोर का तमंचा और दो अदद जिन्दा कारतूस सहित एक कारतूस का खोका बरामद किया है।
आखिर क्यों की गई आरिफ की हत्या
-गिरफ्तार किए गए नाबालिगों से पूछताछ में हत्या के पीछे की वजह सामने आ गई है।
-पुलिस का कहना है कि आरिफ के पिता ने अवैध असलहों के कारोबार का विरोध करते थे।
-इसी वजह से कारोबारी शमसाद आरिफ के पिता से दुश्मनी मानने लगा।
-शमसाद ने आरिफ के पड़ोस में रहे वाले दो नाबालिग बच्चों सलमान और भोला के हाथों आरिफ की हत्या करवा दी।
कब और कैसे हुई थी हत्या
-कांशीराम कालोनी के ब्लॉक नंबर 31 में 3 अप्रैल की शाम आरिफ की देशी पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
-पहले इस मामले को महज एक इत्तेफाक माना जा रहा था।
-बताया जा रहा था कि सलमान, भोला और आरिफ नाम के बच्चे एक कमरे में खेल रहे थे।
-तभी भोला कहीं से एक तमंचा ले आया और खिलौना समझते हुए आरिफ को गोली मार दी।
-गोली आरिफ के सिर पर लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
-वहीँ गोली चलने से घबराया भोला मौके से भाग गया।
शमशाद को पकड़ने के लिए टीम गठित
-एएसपी राजेश सक्सेना ने शमसाद को गिरफ्तार करने के लिए क्राइम ब्रांच और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम बनाई है.
-पुलिस ये भी जानने का प्रयास कर रही है कि इस कारोबार में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
-साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कितने नाबालिग अभी भी इस असलहों के कारोबार में लगे हुए हैं।