बेमौसम बरसात से गेहूं की फसलें चौपट, अन्नदाताओं के टूटे ख्वाब

जनपद में शनिवार की रातभर बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से गेहूं की काफी रकवे की फसल धराशायी हो गई। सरसों की पकी खड़ी फसल और आलू की खुदाई पर भी असर पड़ा है।

Update: 2020-03-01 16:38 GMT

कन्नौज। जनपद में शनिवार की रातभर बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से गेहूं की काफी रकवे की फसल धराशायी हो गई। सरसों की पकी खड़ी फसल और आलू की खुदाई पर भी असर पड़ा है। फसलों के नुकसान से अन्नदाताओं के ख्वाब भी टूट गए हैं।

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इन दिनों अधिकतर खेतों में गेहूं की फसल खड़ी है। 80-90 फीसदी फसल में बालियां तैयार हैं। शनिवार की रात से शुरू हुई रिमझिम बारिश हवाओं ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। बाली आ जाने के बाद पौधा भारी हो जाता है, तेज हवाओं की वजह से गेहूं के पौधे गिर गए।

आलू खुदाई भी चल रही है

इससे उत्पादन पर प्रभाव पड़ना तय है। साथ ही सरसों की पकी खड़ी फसल के पौधे भी कई जगह गिर पड़े हैं। जहां कट रही थी, वहां व्यवधान आ गया। कटाई का काम किसानों ने टाल दिया है। आलू खुदाई भी चल रही है, बारिश की वजह से उसको भी आगे बढ़ा दिया गया है। मक्का की बुवाई वाले खेतों में पड़ बैठ जाने से पौधे निकलना मुश्किल हो जाएगा, ऐसी परेशानी किसानों की है।

क्या बोले कृषि वैज्ञानिक

कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया ने बताया कि जो गेहूं की फसल तेज हवा से गिर गई हैं और उसमें बालियां निकली हैं तो दाना पतला हो जाएगा। बालियों वाला पौधा भारी हो जाता है, इसलिए वह वही फसलें अधिक गिरी होंगी। जो सरसों खेतों में खड़ी है, उसे थोड़ा दिक्कत आएगी। आलू की खुदाई प्रभावित होगी, नुकसान नहीं होगा।

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी

जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि जिले में करीब 80 हजार हेक्टेयर में गेहंू की फसल बोई गई है। बारिश व हवा से फसलों को नुकसान होने की रिपोर्ट अभी आई नहीं है। जो फसलें हवा से गिर गई हैं वहां नुकसान होगा। इस समय खेतों में मुख्य फसल गेहूं की ही खड़ी है। जो लंबी वैरायटी की है वहीं ज्यादा नुकसान होगा। जनपद में सरसों का रकवा करीब आठ-नौ हजार हेक्टेयर से ज्यादा नहीं है।

किसानों को भारी नुकसान

मानीमऊ। आंधी-पानी से गेहूं की फसल जमीन पर धराशायी हो गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि इस मसय गेहूं की फसल में बाली आ चुकी हैं, ऐसे में फसल गिरने से गेहूं की पैदावार आधी रह जाएगी।

दो और चार को भी बारिश के आसार

ब्लॉक जलालाबाद के अनौगी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अमरेंद्र यादव ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पांच दिनों में चार दिन हल्की बारिश व मध्यम बादल छाए रहने की संभावना जताई है। अब तीन व चार मार्च को बूंदाबांदी के आसर हैं। अधिकतम तापमान 24.7 से 29.3 और न्यूनतम 13.4 से 15.6 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। सापेक्षिक आर्द्रता अधिकतम 56-74 और न्यूनतम 27-42 प्रतिशत के बीच हो सकता है।

किसानों की परेशानी, उनकी जुबानी

ब्लॉक सदर क्षेत्र के मानपुर निवासी 35 वर्षीय किसान अरुण कटियार ने बताया कि 10 बीघा जमीन में टमाटर की बेड लगाई थी जो खराब हो जाएगी।

धीरे-धीरे दिखेगा असर

30 बीघा में मक्का बोई थी, बरसात की वजह से मिट्टी जम गई जिसकी वजह से दाना अंकुरित होना मुश्किल है। बारिश का असर धीरे-धीरे दिखेगा।

अब दोबारा बोनी पडेगी

मानपुर गांव के ही 55 वर्षीय किसान विनोद कुमार कहते हैं कि उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से करीब 90 हजार रुपए लोन लिया था, उसी से दो बीघा में गेहूं और दो एकड़ जमीन में चार-पांच दिन पहले मक्का की फसल बोई। बारिश की वजह से अब मक्का दोबारा बोनी पड़ेगी। आगे पानी गिरा तो आलू भी दागी हो जाएगा।

गेहूं की पैदावार कम होगी

तहसील सदर क्षेत्र के पदारथपुर निवासी 50 वर्षीय किसान श्रीपाल ने बताया कि 10 बीघा जमीन में मक्का बोई है। बरसात की वजह से फिलहात खेतों में मिट्टी बैठ जाएगी, जिससे फसल निकलने में दिक्कत होगी। गेहूं की फसल शनिवार की बारिश के बाद गिर गई। इससे फसल की पैदावार भी कम हो जाएगी।

खेतों में पलट गया गेहूं

45 वर्षीय किसान उमेश कटियार ने बताया कि बारिश से आलू, गेहूं व मक्का सभी को नुकसान है। मक्का अगर बड़ी होती तो नुकसान नहीं होता, अभी किसान बुवाई कर रहे हैं, इसलिए पानी से नुकसान है। गेहूं तो काफी गिर गया है। 35 बीघा खेत में मक्का व पांच बीघा में गेहूं किया है। हवा की वजह से गेहूं खेतों में पलट गया है।

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