प्रदेश में 1 अप्रैल से होगी गेहूं खरीद, किसानों के खाते में होगा पैसा ट्रांसफर

गेहूं खरीद के लिए प्रदेश में 6000 से अधिक गेहूं खरीद केन्द्रों पर व्यवस्था की जा रही है। एक अप्रैल से 15 जून तक होने वाली गेहूं खरीद एमएसपी के हिसाब से किसानों के खाते में पैसे का ट्रांसफर किया जाएगा।

Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-03-17 09:38 GMT

एक अप्रैल से होगी गेहूं खरीद (Social media) 

Dhan kharid: उत्तर प्रदेश में बनने जा रही भाजपा की नई सरकार ने भले ही अभी काम न संभाला हो पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ किसानों को लेकर फिक्रमंद हैं। इसलिए हर साल होने वाली गेहूं खरीद को लेकर कहा गया है कि एक अप्रैल से खरीद केन्द्रों पर किसानों से खरीद के लिए अभी से पंजीकरण का काम शुरू किया जाए। इसके लिए अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। खरीफ विपणन में अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके किसानों को इसकी जरूरत नहीं पडे़गी। 

किसानों के खाते में पैसे का ट्रांसफर किया जाएगा

गेहूं खरीद के लिए  प्रदेश में 6000 से अधिक गेहूं खरीद केन्द्रों पर व्यवस्था की जा रही है। एक अप्रैल से 15 जून तक होने वाली गेहूं खरीद एमएसपी के हिसाब से किसानों के खाते में पैसे का ट्रांसफर किया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि रबी विपणन वर्ष 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत इस वर्ष गेहूं का मूल्य 2015 रूपये प्रति क्विंटल एमएसपी घोषित किया गया है।  जो पिछले वर्ष से 40 रुपए अधिक है। 

55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि गेंहू खरीद के समय किसी भी किसाना को दिक्कत का सामना न करना पडे़। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनके मूल्य का उचित मूल्य समय से दिया जाए। 

इस वर्ष सरकार ने 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस वर्ष सरकार ने 2015 रुपए प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर से किसानों को भुगतान की जानकारी दी है। गत वर्ष किसानों को 1975 रुपए प्रति कुंतल मूल्य प्रदान किया गया था। सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी किसान के गेहूं की खरीद नहीं की जाएगी।किसान किसी भी जनसेवा केंद्र पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं।

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