5% कमीशन के चक्कर में CM Yogi ने किया IAS Abhishek Prakash को निलंबित, जानिये पूरे इनसाइड डिटेल
2006 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश वर्तमान में 'इन्वेस्ट यूपी' के सीईओ और उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा, वह लखनऊ के लंबे समय तक डीएम भी रह चुके हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होने से उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई है।;
Suspended IAS Abhishek Prakash (Photo: Social Media)
IAS Abhishek Prakash Suspended: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी मिशन में अब एक गंभीर संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए की जा रही कड़ी मेहनत पर उन अधिकारियों ने ही पानी फेरने की कोशिश की, जिनकी जिम्मेदारी 'इन्वेस्ट यूपी' को सुचारू रूप से चलाने की थी। मुख्यमंत्री को जब इस घोटाले की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत गोपनीय जांच का आदेश दिया और जांच में कथित रूप से शामिल रहे वरिष्ठ IAS अफसर अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया।
IAS अफसर अभिषेक प्रकाश, जो 'इन्वेस्ट यूपी' के सीईओ और उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत थे पर आरोप हैं कि उन्होंने उद्योगपतियों से कथित रूप से रिश्वत की मांग की। यह मामला तब सामने आया जब 20 मार्च 2025 को एक उद्योगपति विश्वजीत दत्ता ने आरोप लगाया कि उनके सोलर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के आवेदन के मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें एक बिचौलिए से संपर्क करने के लिए कहा, जो केवल 5% राशि देने पर उनका मामला बिना किसी रुकावट के मंजूर करवा सकता था।
जब दत्ता ने इस प्रस्ताव को ठुकराया, तो उनका मामला अटक गया और फिर बिचौलिए ने उनसे दबाव बनाते हुए कहा कि अगर वे अपना काम करवाना चाहते हैं, तो उन्हें यह राशि चुकानी होगी। दत्ता की शिकायत के बाद हुई जांच में यह तथ्य सामने आए कि आवेदन की प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं और मूल्यांकन समिति की सकारात्मक संस्तुति को बिना किसी स्पष्ट कारण के बदल दिया गया।
गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल से अभिषेक प्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की सिफारिश की। राज्यपाल ने इस पर सहमति जताते हुए अभिषेक प्रकाश के निलंबन का आदेश दिया। इस आदेश के तहत अब उन पर अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी और आरोप पत्र जारी किया जाएगा। अभिषेक प्रकाश के निलंबन के दौरान उन्हें अर्धवेतन पर जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, बशर्ते वह किसी अन्य रोजगार में कार्यरत न हों। यह कार्रवाई राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन निष्पक्षता से करना होगा।
जैन की हुई गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ ने कार्रवाई करते हुए निकान्त जैन को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी थाना गोमतीनगर में पंजीकृत मुकदमे के तहत की गई। निकान्त जैन पर आरोप है कि उन्होंने औद्योगिक निवेश प्रक्रिया में अवैध रूप से हस्तक्षेप करते हुए रिश्वत की मांग की थी। भ्रष्टाचार के मामले की गंभीरता को देखते हुए, थाना गोमतीनगर पर दिनांक 20.03.2025 को मु0अ0सं0 111/2025 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। पर्याप्त सबूतों के आधार पर अभियुक्त निकान्त जैन को गिरफ्तार किया गया। जैन का पता 1/72 विरामखंड, थाना गोमतीनगर, लखनऊ बताया गया है।
जैन का रहा है आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार अभियुक्त निकान्त जैन पर पहले भी विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने मेरठ, लखनऊ और एटा में भी धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों में भाग लिया है। उनके खिलाफ पहले भी कई मामलों में केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें धोखाधड़ी, धमकी देने और संपत्ति हड़पने की घटनाएं शामिल हैं।