कानपुर: हैलट हॉस्पिटल में इलाज के आभाव में पिता के कंधे पर मासूम की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कानपुर की महिला ने स्वास्थ्यमंत्री, सीएमएस और हैलट हॉस्पिटल के कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराया है। आईपीसी की धारा 120 बी, 304 ए, 336, 337, 338 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले की सुनवाई 1 सितंबर को होगी।
मासूम की मौत होना सरकार के लिए है शर्म की बात
बेकनगंज थाना क्षेत्र के तलाकमहल इलाके में रहने वाली शहाना व्यस्क ने हैलट हॉस्पिटल की सीएमएस आरती गुप्ता, स्वास्थ्यमंत्री शिवप्रसाद यादव और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। जिले के सबसे बड़े हॉस्पिटल में मरीजो को स्ट्रेचर नहीं उपलब्ध होना, इलाज के आभाव में एक मासूम बच्चे की जान जाना यह समाज और सरकार के लिए शर्म की बात है।
मां हूं इसलिए समझती हूं दर्द
शहाना व्यस्क ने कहा कि जब अंश की मौत की खबर मिडिया में देखी तो मैं बहुत इमोशनल हो गई। आखिर मैं भी एक मां हूं और मां का दर्द समझ सकती हूं। अंश का परिवार बेटे के गम में जी रहा है, इस लिए स्वास्थ्य विभाग में बैठे लोगों को सबक सिखाने की जरूरत है। इसी वजह से स्वास्थ्य मंत्री, सीएमएस और हैलट हॉस्पिटल के कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
किसी की नहीं सुनते डॉक्टर
उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार का स्लोगन है कि युवा विकास प्रदेश का विकास लेकिन जब युवा ही नहीं रहेंगे तो विकास कहा से होगा। हैलट हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर किसी की बात नहीं सुनते है वह अपनी मनमानी करते है। तीमारदारों से झगड़ा कर वह हड़ताल में चले जाते है यह कौन सा तरीका है। किसी के परिवार के सदस्य की मौत हो जाती है लेकिन संवेदनहीन डॉक्टरों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। मरीज तड़पते रहते हैं लेकिन उनको स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया जाता है। स्ट्रेचर ले जाने के एवज में कर्मचारी तीमारदारों से रूपए ऐंठे जाते है। जब की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के बड़े-बड़े दावे करते हैं।
क्या कहते हैं अधिवक्ता?
अधिवक्ता अनंत शर्मा के मुताबिक हैलट हॉस्पिटल में बीते दिनों इलाज के आभाव में एक मासूम ने पिता के कंधे पर ही दम तोड़ दिया था। इस सम्बन्ध में शहाना व्यस्क ने केस दर्ज किया है, जिसकी सुनवाई एक सितंबर को होनी है।