DM ने दुधमुंहे बेटे को मां से मिलाया,नाना-नानी ने 50 हजार में था बेचा

Update: 2016-05-27 08:22 GMT

बाराबंकीः थाना रामनगर इलाके में डीएम के आदेश पर एक दुधमुंहे बच्चे को दोबारा मां की गोद नसीब हो गई। डीएम के इस कार्य से जहां इलाके में उनकी जयजयकार हो रही है, वहीं पीड़िता ने उन्हें भगवान का दर्जा दे दिया है। डीएम ने एक महिला को उसके बेचे गए बच्चे को वापस दिला दिया। आरोप है कि महिला की मां ने उसके दुधमुंहे बच्चे को 50 हजार में बेच दिया था।

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क्या है पूरा मामला

-बाराबंकी के डीएम अजय यादव अपने अधिकारियों के साथ सभागार में बैठक ले रहे थे।

-एक महिला शिल्पी डीएम से मिलने आ गई। डीएम ने गंभीरता से महिला की बात सुनी ।

-महिला ने बताया कि वह सीतापुर के रामपुर मथुरा थाना इलाके के चिमलई गांव की रहने वाली है।

-बाराबंकी के थाना रामनगर इलाके के लोधौरा गांव में अपने मायके रहने आई थी।

-उसके माता-पिता ने उसके दो माह के बच्चे को बाराबंकी के करसण्डा गांव की कमला देवी के हाथों पचास हजार रुपए में बेंच दिया है।

-महिला की यह बात सुनकर डीएम अजय यादव ने एसडीएम और पुलिस की टीम बनाकर महिला के साथ करसण्डा गांव भेजा।

-डीएम के आदेश पर गांव पहुंची टीम ने बच्चे को वापस लेकर महिला को दे दिया।

शिल्पी ने क्‍या कहा

-शिल्पी ने बताया कि बच्चा पैदा होने के बाद वह उसको लेकर अपने मायके गई थी।

-वहां से उसका बच्चा गायब हो गया। जिससे वह परेशान थी।

-एक दिन उसने अपने माता-पिता को बात करते हुए सुन लिया।

-तब उसे पता चला कि उसके बच्चे को किसी और ने नहीं बल्कि उसके माता-पिता ने ही गायब किया है।

-उन्‍होंने बच्चे को करसण्डा गांव की एक महिला के हाथों पचास हजार में बेंच दिया है।

-बच्चे का पता लगते ही महिला शिल्पी करसण्डा गांव पहुंची लेकिन उसे वहां से भगा दिया गया।

-निराश होकर वह डीएम बाराबंकी के पास पहुंची थी।

शिल्पी के पति रमेश चंद्र ने बताया

-मेरे ससुर मुझे बिलकुल भी पसंद नहीं करते थे।

-वह मेरी पत्नी की शादी दूसरी जगह करना चाहते थे।

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