अदभुत नजारा: वसूल रहीं है पुरुषों से वाहन टैक्स, हो रहा है महिला सशक्तिकरण

बेटा - बेटी एक समान , नारी तू नारायणी , पढ़े बेटियां - बढ़े बेटियां जैसे स्लोगन आज के समाज में सुनने और देखने को अक्सर मिल जाते है मगर इस पुरुष प्रधान समाज में सरकारों और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा किये जा रहे अथक प्रयास निरर्थक साबित होते त

Update: 2018-03-08 09:33 GMT
अदभुत नजारा: वसूल रहीं है पुरुषों से वाहन टैक्स, हो रहा है महिला सशक्तिकरण

बाराबंकी: बेटा - बेटी एक समान , नारी तू नारायणी , पढ़े बेटियां - बढ़े बेटियां जैसे स्लोगन आज के समाज में सुनने और देखने को अक्सर मिल जाते है मगर इस पुरुष प्रधान समाज में सरकारों और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा किये जा रहे अथक प्रयास निरर्थक साबित होते तब लगते है जब वास्तव में महिलाओं को वह स्थान नही हासिल हो पाता जो पुरुषों को बगैर प्रयास मिल जाता है। बाराबंकी में आज जो नजारा दिखा वह इस बात को सुकून देने वाला था कि जिन महिलाओं को कमतर आंका जाता है वह पुरुषों के काम को भी कितनी कुशलता से कर सकती है।यहां आज नेशनल हाईवे के टोलप्लाज़ा को महिलाओं के हवाले कर दिया गया और महिलाओं ने इस काम को बखूबी अन्जाम भी दिया।इन महिलाओं का उत्साह बढ़ाने और यह अदभुत नजारा अपनी आंखों से देखने वाणिज्य कर की डिप्टी कमिश्नर स्वयं उपस्थित हुईं।

अदभुत नजारा: वसूल रहीं है पुरुषों से वाहन टैक्स, हो रहा है महिला सशक्तिकरण

महिला दिवस पर अदभुत नजारा

बाराबंकी में आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को एक नए अन्दाज में मनाया गया।महिलाएं अपने आप को पुरुषों से कम न समझे इसके लिए उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी वह दी गयी जो जिम्मेदारी आज तक पुरुष निभा रहे थे। महिलाओं ने भी आज उन सभी पुरुषों से टैक्स की वसूली की जो उनके रास्ते से गुजरे। दरअसल महिला दिवस के अवसर पर लखनऊ - फैज़ाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने टोल प्लाजा के संचालन की जिम्मेदारी महिलाओं को दी गयी। महिलाओं ने इस नई जिम्मेदारी को बखूबी निभाकर यह सही मायनों में साबित कर दिया कि वह किसी भी मामले में पुरुषों से पीछे नही है।आमतौर पर यह टोलप्लाज़ा पीएनसी कम्पनी के पुरुष संभालते है।

अदभुत नजारा: वसूल रहीं है पुरुषों से वाहन टैक्स, हो रहा है महिला सशक्तिकरण

संचालन की ट्रेनिंग पहले ही दी गई

टोल प्लाजा के प्रबंधक अरुणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आज का दिन महिलाओं को समर्पित कर रही है । ऐसा उनके अन्दर आत्मविश्वास बढ़ाने की मन्शा से किया जा रहा है।राष्ट्रीय राजमार्ग ने बाराबंकी ,उन्नाव ,कानपुर और फैज़ाबाद सहित देश के जनपदों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर पड़ने वाले टोलप्लाज़ा का संचालन आज के दिन महिलाओं के जिम्मे छोड़ दिया है। इसके लिए उनको संचालन की ट्रेनिंग पहले ही दी जा चुकी है।उनके इस काम के लिए कम्पनी उन्हें आज दिन का वेतन भी अदा करेगी।आगे भविष्य में इन महिलाओं और युवतियों की मन्शा के अनुरूप कम्पनी उन्हें स्वावलम्बी बनाने के लिए नौकरी भी मुहैय्या कराएगी। कम्पनी चाहती है महिलायें स्वावलम्बी बने और अपने आप को पुरुषों से कम न समझें।

अदभुत नजारा: वसूल रहीं है पुरुषों से वाहन टैक्स, हो रहा है महिला सशक्तिकरण

महिलाएं डॉक्टर ,वकील तो टोल पर क्यूं नहीं

प्रबंधक ने बताया की आज महिलाएं डॉक्टर ,वकील , अधिकारी और सेना तक में जाकर अपना नाम रौशन कर रही है तो इस टोल के काम में वह क्यों नही आगे आ सकती है। यह प्रयास उनकी इन्ही आत्मविस्वास को बढ़ाने के लिए ही है।

महिला सशक्तिकरण की मिशाल - रूही सक्सेना

वाणिज्य कर की डिप्टी कमिश्नर रूही सक्सेना ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज टोल प्लाजा महिलाएं संचालित कर रही है तो यह अद्भुत नजारा देखने वह स्वयं आयीं है। यह देख कर काफी अच्छा लग रहा है कि अब पुरुष भी महिलाओं को देश की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत है।घरों के अन्दर भी पुरुष अब महिलाओं के कामों में हाथ बांट कर महिला सशक्तिकरण की मिशाल पेश कर रहे है।टोल प्लाजा पर अभी तक जो पुरुष काम कर रहे थे वहां आज महिलाओं को देखकर सुखद अहसास की अनुभूति हो रही है। यह काम करने के बाद महिलाओं में इतना उत्साह आ जायेगा कि अब वह सारे काम कर सकती है।सही मायनों में आज महिला सशक्तिकरण का आभास हो रहा है।

काम करने में उन्हें बहुत खुशी हो रही है - आकांक्षा

टोल प्लाजा संचालित करने में सहयोग कर रही युवती आकांक्षा सिंह ने बताया कि यह काम करने में उन्हें बहुत खुशी हो रही है और आगे भी उन्हें इसकी नौकरी मिलती है तो और उत्साह के साथ काम करने की क्षमता रखती है।आगे भी उन्हें यह काम करके खुशी होगी।

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