योगी सरकार में संवरेंगे माया राज में बने स्मारक, सपा सरकार में हुई उपेक्षा

पूर्व की बसपा सरकार में बहुजन समाज के महापुरूषों की स्मृति में बनवाए गए स्मारकों की सपा सरकार में खूब उपेक्षा हुई। यहां तक कि पूर्व सीएम मायावती के स्मारक..

Update: 2017-05-21 10:47 GMT

लखनऊ: पूर्व की बसपा सरकार में बहुजन समाज के महापुरूषों की स्मृति में बनवाए गए स्मारकों की सपा सरकार में खूब उपेक्षा हुई। यहां तक कि पूर्व सीएम मायावती के स्मारक को खंडित भी किया गया। पर योगी सरकार में इन्हें संवारने का निर्णय लिया है।

इसके लिए जरूरी धन राशि का इंतजाम स्मारकों के रख रखाव के लिए कार्पस फंड से मिले ब्याज के दस करोड़ रूपयों में से किया जाएगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस बाबत प्रस्ताव बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।

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बसपा नेताओं का आरोप

माया राज में बने इन स्मारकों व उपवनों में पानी की कमी साफ झलकती है। इसका वजह स्मारकों में लगे पेड़- पौधों पर पड़ रहा है। इसके अलावा रोशनी के लिए लगाई गई लाइटें कई जगहों पर खराब पड़ी हैं। स्मारकों में लगवाए गए पत्थर जगह- जगह उखड़ गए हैं। बसपा नेताओं का आरोप है, कि सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। एलडीए स्मारकों व उपवनों की इन्हीं दिक्कतों को सही कराने की कार्ययोजना बना रहा है।

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इसके अलावा स्मारकों के रख रखाव के लिए करीब साढे पांच हजार कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। बताया जा रहा है कि इनमें से ढेरों कर्मचारी एलडीए और अधिकारियों के घर पर डयूटी करते हैं। अब इन कर्मचारियों को स्मारकों व उपवनों के अलावा एलडीए के पार्कों की देख रेख में लगाया जाएगा।

यह हैं उपवन व स्मारक

-प्रेरणा स्थल

-कांशीराम स्मारक

-कांशीराम ईको गार्डन

-गोमती पार्क

-बौद्ध विहार शांति स्थल

-रमाबाई स्थल

-अम्बेडकर उदयान

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