अब ऐसे पुलिसवालों पर सीएम हुए सख्त, 22 पूलिसकर्मी 'बाहर'
पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के असर दिखने लगा है। बरेली के बाद अब वाराणसी में भी 22 पुलिसवालों को नौकरी से निकाल दिया गया है। साथ ही तीन दारोगा को नोटिस दिया गया है। सरकार के इस फैसले से अब पुलिश महमके में हड़कंप मचा हुआ है।
वाराणसी: पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के असर दिखने लगा है। बरेली के बाद अब वाराणसी में भी 22 पुलिसवालों को नौकरी से निकाल दिया गया है। साथ ही तीन दारोगा को नोटिस दिया गया है। सरकार के इस फैसले से अब पुलिश महमके में हड़कंप मचा हुआ है।
ये भी देंखे:लखनऊ: कैंट क्षेत्र स्थित सदर गुरुद्वारे आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए गवर्नर राम नाईक, देंखे तस्वीरों में
क्या है पुलिसवालों पर आरोप ?
जिन 22 पुलिसवालों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है, उनके ऊपर भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त होने के साथ ही अनुशासन हीनता का आरोप है। कुछ पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि सीएम के जांच के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने 22 पुलिसवालों को बाहर का रास्ता दिखाया। साथ ही 3 दारोगा को नोटिस जारी की गई है।
अनिवार्य सेवानिवृत्ति पाने वालों को 3 महीने की एडवांस सैलरी दी जा रही है। साथ ही इन्हें पेंशन की सुविधा दी जाएगी।
ये भी देंखे:एक बार फिर यूपी में गरजी पत्रकार पर बंदूक की गोली, जांच शुरू
क्या कहते है एसएसपी ?
इस आदेश के बाबत एसीपी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि कामकाज में अक्षम और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पुलिसकर्मियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग करने का निर्देश प्रदेश सरकार की तरफ से जारी किया गया था। यह आदेश जून के महीने में मिला था, जिसके आधार पर 31 मार्च 2019 को 50 वर्ष से अधिक की आयु पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर उनकी लिस्ट तैयार करते हुए डीजीपी कार्यालय को भेजी थी। इस पर शासन स्तर से मिले निर्देश के बाद एक टीम गठित की गई थी और अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए जिले के 22 सिपाही समेत तीन दारोगा को चिन्हित किया गया, जिनमें से 22 कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल को सेवानिवृत्त की नोटिस जारी कर दी गई है, जबकि तीन दारोगा की रिपोर्ट आईजी रेंज को भेजी गई है।