Lucknow News: लखनऊ की मलिन बस्तियों पर बनाई फिल्मों, आज होगा प्रदर्शन
Lucknow News: केंद्रीय थीम जिसे उन्होंने छात्रों के लिए बार-बार जोर दिया वह यह थी कि उन्हें अपने समक्ष सदैव अपनी सामाजिक जिम्मेदारी रखनी चाहिए।
Lucknow News:भारत में छात्रों को राष्ट्रीय सेवा के कार्य में शामिल करने का विचार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समय का है। केंद्रीय थीम जिसे उन्होंने छात्रों के लिए बार-बार जोर दिया वह यह थी कि उन्हें अपने समक्ष सदैव अपनी सामाजिक जिम्मेदारी रखनी चाहिए। छात्रों का प्रथम कर्तव्य उनके अध्ययन की अवधि को केवल बौद्धिक ज्ञान तक ही सीमित न रखकर स्वयं को ऐसे व्यक्तियों की सेवा में समर्पित करना है जिन्होंने राष्ट्र की वस्तुओं और सेवाओं के साथ हमारे देश को आवश्यक चीजें प्रदान की है जो कि समाज के लिए अति आवश्यक है। उन्हें समुदाय के साथ जीवंत संपर्क स्थापित करने की सलाह देते हुए जिनके मस्तिष्क में उनकी संस्थाएं स्थापित थीं, उन्होंने यह सुझाव दिया कि आर्थिक और सामाजिक निशक्तता के स्थान पर शैक्षिक शोध के स्थान पर छात्रों को कुछ सकारात्मक करना चाहिए, ताकि ग्रामीण वासियों के जीवन को अधिक ऊँचा और नैतिक स्तर पर उठाया जा सके।गांधी जी के बताए रास्तों पर चलते हुए लखनऊ की मलिन बस्तियों के युवाओं द्वारा बनाई गई प्रेरणादायक फिल्मों का प्रदर्शन 27 सितंबर मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के राधाकमल मुखर्जी सभागार में 2:30 बजे से किया जाएगा।
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां हर आदमी अपनी अपनी जिम्मेदारियों में व्यस्त है, वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय की एकल छात्र परिषद के सदस्य मलिन बस्तियों में शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं। दुर्गेश त्रिपाठी के नेतृत्व में परिषद सदस्य मलिन बस्तियों में जाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं साथ ही उनकी शैक्षिक जरूरतों को भी अपनी जेब से पूरा कर रहे हैं।
इतना ही नहीं गांवों में जाकर लोगों को सेहत के प्रति जागरूक कर रहे हैं। मलिन बस्तियों में शिक्षा का उजियारा फैला रहे दुर्गेश त्रिपाठी के नेतृत्व में परिषद सदस्य मलिन बस्तियों में जाकर बच्चों के साथ सार्थक समय बिताकर उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं रहे। साथ ही उनके परिवार और घटना चक्र पर पटकथा लिख कर फिल्म भी बना रहें हैं।
इस दौरान लखनऊ की विजय खेड़ा, श्रम विहार, गढ़ी कनौरा, हड्डी खेड़ा, करेहटा एवं पूर्विदीन खेड़ा बस्तियों में युवाओं को सकारात्मक एवं प्रेरणादायक फिल्में बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया। इसके फलस्वरूप युवाओं द्वारा बाल संरक्षण, कोविड एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर आधारित सत्य कहानियों पर विडियो बनाए गए।