भूखे का सहारा बन रहे मुट्ठीभर युवा, ऐसे करते हैं पुण्य का काम

संस्थान की टीम कुछ ऐसे परिवारों का सर्वे करके उन परिवारों के बीच भी सूखा भोजन पहुंचाती है ताकि उनके बच्चों को भूखा ना सोना पड़े तथा संस्थान की टीम अब आने वाले दिनों में शहर के आसपास में जो भी विपदाएं आती हैं लोगों को भोजन की कमी महसूस हो जाती है तो उन तक के बीच भी भोजन लेकर पहुंचेगी।

Update: 2019-11-24 12:48 GMT

चित्रकूट: कहते है अगर आप किसी भूखे को खाना खिला देते हैं तो उससे बड़ा जीवंत पुण्य कोई और नही। ऐसी ही उक्ति को लगातार चरितार्थ कर रहे हैं धर्मनगरी चित्रकूट के कुछ मुट्ठीभर युवा। जी हां रुक्मणि सेवा संस्थान के युवा इसी कार्य मे प्रयासरत हैं ।

इसी क्रम में आज रविवार को रुकमणी सेवा संस्थान भूख मुक्त भारत द्वारा जगदीशगंज मोहल्ले में संस्थान की पूरी टीम ने सूखा भोजन मांगा । गौरतलब हो कि भूखे लोगो के लिए संस्थान की टीम हर रविवार को सूखा भोजन मांगते हैं और उसे लेकर संस्थान के ऑफिस पर भोजन तैयार कर जरूरतमंदों को वितरण करती है।

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संस्थान की टीम कुछ ऐसे परिवारों का सर्वे करके उन परिवारों के बीच भी सूखा भोजन पहुंचाती है ताकि उनके बच्चों को भूखा ना सोना पड़े तथा संस्थान की टीम अब आने वाले दिनों में शहर के आसपास में जो भी विपदाएं आती हैं लोगों को भोजन की कमी महसूस हो जाती है तो उन तक के बीच भी भोजन लेकर पहुंचेगी।

रुकमणी सेवा संस्थान भूख मुक्त भारत के संस्थापक प्रदेश अध्यक्ष अतुल रैकवार ने बताया कि मेरी टीम के सभी सदस्य स्टूडेंट हैं वह सभी अपना बहुमूल्य समय संस्थान में देते हैं। प्रति रविवार को संस्थान में सभी सदस्य अपने शिक्षा के साथ-साथ एक घंटे का समय प्रतिदिन देते हैं और रविवार को सहारा समय संस्थान में ही रहते हैं।

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इस बीच रात में अपनी पढ़ाई कर कर अपना भविष्य साकार कर रहे हैं मैं अतुल रैकवार संस्थापक प्रदेश अध्यक्ष इन बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हू। फिलहाल ऐसे युवाओ से हमे सीखने की जरूरत है जिससे समाज का कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये ।

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