Begum Hazrat Mahal: बेगम से योद्धा बनने की कहानी 1857 के गदर में लखनऊ की नायिका

बेगम हजरत महल ने अपने नाबालिग बेटे बिरजिस कादर को राजगद्दी पर बिठाकर अवध राज्य की सत्ता संभाली। 7 जुलाई, 1857 को वह अंग्रेजों के खिलाफ रणभूमि में उतर गईं और जमकर मोर्चा लिया।

Published By :  Ramkrishna Vajpei
Update: 2022-04-07 14:53 GMT

Begum Hazrat Mahal: आज हम आपको बताते है की बेगम हजरत महल कौन थी जिन्होंने 1857 में हुई आजादी की पहली लड़ाई में अपनी बेहतरीन संगठन शक्ति और बहादुरी से अंग्रेजी हुकूमत को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर दिया। वह बहुत सुंदर और साहसी थी, और उनमें नेतृत्व के महान गुण थे। जब उनके पति को निर्वासन में कलकत्ता भेजा गया, तो उन्होंने लखनऊ पर नियंत्रण कर लिया और अवध राज्य के मामलों को संभाला। बेगम हजरत महल ने अपने नाबालिग बेटे बिरजिस कादर को राजगद्दी पर बिठाकर अवध राज्य की सत्ता संभाली। 7 जुलाई, 1857 ई. से उन्‍होंने अंग्रेजों के खिलाफ रणभूमि में उतर गई। इसके बाद, उन्हें नेपाल में शरण मिली जहां वह अपने जीवन के अंत तक रही। 7 अप्रैल 1879 को मात्र 59 साल की उम्र मे काठमांडु नेपाल इनका निधन हो गया था 

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